टोल से पिछली सरकारें अवैध रूप से लोगों की लूट रही थीः मान-
मुख्यमंत्री ने कीरतपुर साहिब-नंगल-ऊना रोड स्थित टोल प्लाजा को बंद कराने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये टोल प्लाजा पिछली सरकारों से मिलीभगत करके लोगों को अवैध रूप से लूट रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन टोल प्लाजा पर आम आदमी की लूट को रोकना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा में इन मुद्दों को उठाया था और अब जब उन्हें लोगों की सेवा करने का मौका मिला है, तो वह इन टोल बैरियरों को बंद कर रहे हैं।
किराए पर सड़क का युग समाप्त हो रहा हैः मान
सीएम ने कहा कि इन सड़कों का लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिग्रहण किया जाएगा और इन सड़कों की समय पर मरम्मत, चौड़ीकरण और मजबूती सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ‘किराए पर सड़क’ का युग समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अकालियों ने टोल प्लाजा एजेंसियों के साथ सांठगांठ कर उनके सभी बुरे कामों को खुलेआम नजरंदाज कर उन पर मेहरबानी की।
कीरतपुर साहिब-नागल-ऊना रोड पर 2007 से लग रहा था टोल-
मुख्यमंत्री ने कहा कि कीरतपुर साहिब-नागल-ऊना रोड पर टोल प्लाजा के लिए समझौते पर अक्टूबर 2006 में अमरिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। बाद में अकाली-भाजपा शासन के दौरान नवंबर 2007 में परिचालन शुरू हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि टोल प्लाजा संचालक को नवंबर 2013 तक ओवरले (कोलतार बिछाने) का काम पूरा करना था लेकिन यह 2014 में ही पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि दूसरा ओवरले लगाने में भी 1,093 दिनों की देरी हुई, जो कि 2020 में की गई थी।
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