छात्र फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर यूनिवर्सिटी परिसर में कुलपति अरुण कुमार ग्रोवर से बात करना चाहते थे। इसी मामले को लेकर बंद का आह्वान कर रहे थे। काफी इंतजार के बाद भी कुलपति ने जब बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया तो उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बैरीकेड लांघकर कुलपति के कार्यालय में जबरन घुसने की कोशिश की। पुलिस ने छात्रों को हटाने के लिए पानी की बौछारें छोड़ीं। जब प्रदर्शनकारी छात्रों ने पथराव एवं गमले फेंकना शुरू किए तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे एवं लाठी चार्ज किया। इसमें कई छात्र घायल हो गए।
पीयू प्रशासन ने सत्र 2017-18 के लिए बीए और बीकॉम की कोर्स की फीस 2200 से बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी है। सबसे अधिक फीस 1.5 लाख एम फॉर्मा की है।
देर रात ऐसे हटी यह धारा
पीयू का मामला बढऩे के बाद इसकी गूंज राजभवन तक पहुंची। इसके बाद पुलिस ने देर रात यह धारा हटा ली। वहीं पीयू के रजिस्ट्रार कर्नल गुलजीत सिंह चाहल ने बताया कि हमने पुलिस को बता दिया है कि छात्रों ने देश विरोधी या राज्य विरोधी नारे नहीं लगाए। उनके नारे पीयू प्रशासन, वीसी, एमएचआरडी और सरकार के खिलाफ थे। ना ही उन्होंने कोई देश विरोधी बात की है। पुलिस ने स्पष्टीकरण के बाद देशद्रोह की धारा को हटा दिया है।
झड़प में 22 पुलिसकर्मी भी घायल
एसपी इशा सिंघल ने बताया कि छात्रों के पथराव से 22 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमने दंगा फैलाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर अबतक 52 विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है। सभी गिरफ्तार छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।