PM नरेंद्र मोदी ने रेल बजट 2016 की तारीफ की है। यहीं नहीं बजट समाप्ति पर पीएम अपनी सीट से उठकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु के पास गए और हाथ मिलाकर उन्हें बधाई दी।
विपक्षी दलों ने रेल बजट 2016 को शब्दों का आडम्बर, दिशाहीन, खोखला तथा आम जनता को भ्रमित करने वाला बताया और कहा कि यह मोदी सरकार का रेलवे के निजीकरण की दिशा में अगला कदम है। वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी ने बजट की तारीफ की है। यहीं नहीं बजट समाप्ति पर पीएम अपनी सीट से उठकर रेल मंत्री के पास गए और हाथ मिलाकर उन्हें बधाई दी।
पीएम मोदी ने की तारीफ
पीएम मोदी ने कहा कि रेल बजट 2016-17 का अर्थव्यवस्था पर दूरगामी असर होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं पिछली सरकारों के रेल बजट की आलोचना नहीं करना चाहता, लेकिन ये जरूर कहूंगा कि गत सरकार के पांच सालों के बजट की तुलना में सुरेश प्रभु ने ढाई गुना निवेश के साथ जंप लगाई।
नंबर देने लायक कुछ नहीं
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने रेल बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें नया कुछ भी नहीं है। ढांचागत सुधार की बात करने वाले यह बताने को तैयार ही नहीं है कि पैसा कहां से आएगा। स्वच्छता, यात्री सुविधा जैसी बातें सरकार के मंत्री पहले से बोलते आ रहे हैं लेकिन इसके लिए कोई ठोस आधार उनके पास नहीं है। बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए ‘प्रभु’ को कोई नम्बर दिए जाएं।
किसी भी मांग को नहीं किया गया पूरा
कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि इसमें रेल बजट जैसी कोई चीज नहीं है। इसे सिर्फ शब्दों के जाल में फंसाकर रहस्यमयी बना दिया है और जनता के लिए इसमें कुछ भी नहीं है। कई सांसद इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उनकी किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया है। इसमें केवल बड़ी-बड़ी बातें की गई हैं और जमीन पर उतारने के लिए कुछ भी नहीं है।
निराशा हाथ लगी
बजट को बोरिंग बताते हुए पूर्व रेल राज्यमंत्री अधीररंजन चौधरी ने कहा कि लोगों को मोदी सरकार से बड़ी उम्मीदें थीं लेकिन उसके हाथ निराशा लगी है। उन्होंने सवाल उठाया कि बुलेट ट्रेन और 200 किमी प्रति घंटे से चलने वाली ट्रेनों का क्या हुआ। भाड़ा तो सरकार ने पहले ही पिछले दरवाजे से बढ़ा दिया था। यह दिशाहीन बजट है।
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