गौरतलब है कि रेलवे ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और आईसीआईसीआई सहित अन्य बैंकों से समझौता कर लिया। जिसके बाद बैंकों को रेल काउंटर्स के लिए 15 हजार प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें लगाने के लिए कह दिया गया है। इनमें से लगभग 1,000 मशीनें 31 दिसंबर तक रेलवे को मिल जाएंगी। फिलहाल रेलवे के टिकट काउंटरों पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट के लिए पीओएस सुविधा उपलब्ध नहीं है।
रेल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर कहा कि, ‘हमारे पास करीब 12,000 टिकट काउंटर हैं। इनमें से सभी को एक या अधिक पीओएस मशीनों से लैस किया जाएगा। पहले चरण में सभी शहरों को इस पीओएस सर्विस से जोड़ा जाएगा। फिलहाल रेलवे कर्मचारियों को बड़ी मात्रा में कैश को मैनेज करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में पर्याप्त संख्या में स्वाइप मशीनें उपलब्ध होने से कर्मचारियों पर भी इसका बोझ कम हो जाएगा।’
गौरतलब है कि मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में मंथली पास की खूब बिक्री होती है। ऐसी जगहों पर पीओएस मशीनें जल्दी से जल्दी इंस्टॉल किए जाएंगे। अभी आईआरसीटीसी के जरिए रेल टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग पर सर्विस चार्ज 31 दिसंबर तक रोक दिया गया है। जिससे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग को बढ़ावा मिल सके। साथ ही रेलवे ने एसी टिकट की ऑनलाइन बुकिंग पर 40 रुपये और नॉन एसी टिकट की बुकिंग पर 20 रुपये का सर्विस चार्ज स्थायी रूप से समाप्त करने का प्रपोजल देने की योजना भी बनाई है।
अधिकारी ने बताया कि रेलवे मंत्रालय अपने वेंडर्स और कॉन्ट्रैक्ट्स को भी कैशलेस पेमेंट करने की योजना में जुट गई है। इस कैशलेस पेमेंट को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की ओर से जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर यह निर्देश दिया जाएगा रेलवे के सभी जोनल और डिविजनल ऑफिस खर्चों के लिए कैशलेस पेमेंट करें।