21 मई 1991 की रात को राजीव गांधी लोकसभा चुनाव के प्रचार तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में कर रहे थे, तभी एक आत्मघाती महिला हमलावर राजीव गांधी के पास फूलों का हार पहनाने के बहाने आई और पैर छूने के बहाने से नीचे झूकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटक में ब्लास्ट कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2018 में तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर राजीव गांधी की हत्या एक अन्य दोषी पेरारिवलन को 30 साल की सजा कटाने के बाद रिहा करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह रिहाई का आदेश जेल में अच्छे बर्ताव को देखते हुए दिया था।
शीर्ष अदालत ने साल 1999 मई में चार दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथान और नलिनी को सजा ए मौत सुनाया था। वहीं साल 2014 में इन दोषियों की दया याचिका लंबित रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन, मुरुगन और संथान की सजा ए मौत को उम्रकैद में बदल दिया है। वहीं इससे पहले 2001 में नलिनी की मौत की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क के आधार पर उम्रकैद में बदल दी थी कि उसकी एक बेटी है।