गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि जेएनयू प्रकरण को लेकर उन्होंने जो कुछ भी कहा था वह तथ्यों पर आधारित
था और वह जितना भी बोलते हैं वह निराधार नहीं होता।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रकरण को लेकर उन्होंने जो कुछ भी कहा था वह तथ्यों पर आधारित था और वह जितना भी बोलते हैं वह निराधार नहीं होता।
सिंह ने जेएनयू प्रकरण पर सदन में हुई चर्चा के बाद कहा कि जेएनयू प्रकरण में पुलिस को किसी निर्दोष छात्र को परेशान करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की भी एक सीमा होती है और उसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
गृहमंत्री ने कहा कि वह हमेशा प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष तथ्यों के आधार पर अपनी बात कहते हैं। वह जो कुछ बोलते हैं उसमें कुछ भी निराधार नहीं होता। उन्होंने गोपनीयता की शपथ ली है इसलिए वह इस बारे में कुछ ज्यादा खुलासा नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि सिंह ने कहा था कि जेएनयू में देश विरोधी नारे पाकिस्तानी आतंकवादी सरगना हाफिज सईद की शह पर लगे थे। उन्होंने कहा कि जेएनयू में नौ फरवरी को जो कुछ हुआ उससे पूरा देश असहमत है। सदन ने भी उसकी निंदा की है। यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है और पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। ऐसे में सभी को न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
जेएनयू मामले में सरकार के हस्तक्षेप करने के आरोप को उन्होंने पूरी तरह गलत बताया। गृहमंत्री ने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट में जो कुछ हुआ पुलिस उस पर कार्रवाई कर रही है और उसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जेएनयू ने देश को विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभाशाली लोग दिए हैं और सरकार यह नहीं मानती है कि यह संस्थान राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र है। यह देश के सर्वोच्च संस्थानों में से है और उच्च शिक्षा का विशिष्ट केंद्र है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि जेएनयू मामले की जांच चल रही है और जांच के दौरान पुलिस किसी भी निर्दोष छात्र को परेशान नहीं करेगी। सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के जवाब की तारीफ की और उन्हें बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान जो कुछ भी कहा वह सदन के लिए तथा देश के लिए आंखे खोलने वाला है।