संभाजी राजे को लेकर शिवसेना और बीजेपी एक दूसरे के आमने-सामने थे। दोनों ने ही उनके सामने शर्त रखी लेकिन उन्होंने दोनों का ही ऑफर ठुकरा दिया। इसके बाद शिवसेना ने संजय पवार को राज्यसभा के छठे उम्मीदवार के तौर पर घोषित कर दिया है और कल वो अपना नामांकन भरेंगे।
बीजेपी का क्या रहा स्टैन्ड?
वहीं, बीजेपी ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए क्योंकि बीजेपी के कई नेता संभाजी के नाम पर सहमत नहीं थे। बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने बड़ा ही सधा हुआ बयान दिया। उन्होंने कहा, राज्यसभा का निर्णय केन्द्रीय स्तर पर लिया जाता है, राज्य स्तर पर ऐसा नहीं होता है इसलिए ये भी केंद्रीय स्तर पर तय किया जाएगा। यही नही बीजेपी ने ये भी शर्त रखी थी कि संभाजी को वो तभी समर्थन देंगे जब वो निर्दलीय लड़ेंगे। लेकिन संभाजी का कहना है कि बीजेपी के पास पर्याप्त वोट नहीं है जबकि शिवसेना के पास पर्याप्त वोट है।
शिवसेना नेता यशवंत जाधव की बढ़ी मुश्किलें, ED ने जारी किया समन
पवार का यू टर्नएनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पहले कहा था कि वो निर्दलीय उम्मीदवार संभाजी राजे का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा था कि छठे स्थान के लिए वो संभाजी राजे का समर्थन करेंगे। वहीं शिवसेना ने कहा कि वो संभाजी राजे का समर्थन तभी करेगी जब वो पार्टी में शामिल होंगे। राजे ने ये ऑफर ठुकरा दिया। इसके बाद शरद पवार ने भी यू टर्न लेते हुए कहा, ‘पिछली बार शिवसेना ने राज्यसभा के लिए हमारी मदद की थी और तब हमने उसकी मदद का वादा किया था। अब हम शिवसेना के किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।’
कौन है संभाजी राजे जिनको लेकर महाविकस आघाडी और बीजेपी में बढ़ा आंतरिक मतभेद
कांग्रेस ने पहले ही समर्थन से किया इनकारवहीं, कांग्रेस पहले ही संभाजी राजे को किसी भी प्रकार का समर्थन देने से मना कर चुकी है। ऐसे में कुल मिलाकर एक भी पार्टी संभाजी के साथ नजर नहीं आ रही है बल्कि वो अब अकेले ही मैदान में नजर आ रहे हैं। ऐसे में संभाजी राजे के लिए राज्यसभा तक पहुंचना नामुमकिन होता जा रहा है।
बता दें कि संभाजी राजे मराठा समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वो मराठा राजा, छत्रपति शिवाजी महाराज के 13 वें प्रत्यक्ष वंशज और कोल्हापुर के छत्रपति शाहू के परपोते के रूप में कोल्हापुर शाही परिवार के उत्तराधिकारी हैं।