मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय किसान यूनियन के कई सदस्य संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की गतिविधियों से नाराज चल रहे थे। नाराज चल रहे नेताओं का आरोप था कि राकेश टिकैत ने अपने राजनीतिक बयानों और गतिविधियों से इस आराजनीतिक संगठन को सियासी शक्ल दे दी है। संगठन में खुद के खिलाफ एकजुट होते किसान नेताओं को समझाने का राकेश टिकैत ने भरसक प्रयास किया, लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो सके।
बीते शुक्रवार रात राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के नेताओं को समझाने के लिए लखनऊ पहुंचे थे। उन्होंने यहां नाराज किसान नेताओं की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा के आवास पर असंतुष्ट नेताओं को समझाने की कोशिश भी की। लेकिन समझाने में सफल नहीं हो सके। जिसके बाद वो वापस मुजफ्फरनगर लौट गए।
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लखनऊ में आयोजित इस बैठक में मांगेराम त्यागी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, धर्मेंद्र मलिक को राष्ट्रीय प्रवक्ता, चौधरी दिगंबर को युवा प्रदेश अध्यक्ष , हरिनाम सिंह वर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। बीकेयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने राजेश चौहान और प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा कि यूनियन अपने मूल मुद्दों से भटक गई है और अब राजनीति करने लगी है। यह संगठन केवल किसानों के हित में ही काम करेगा।
अब टिकैत परिवार के खिलाफ किसानों में उभरी इस नाराजगी से भारतीय किसान यूनियन में दो-फाड़ होने के संकेत हैं। उल्लेखनीय हो कि कृषि कानून के विरोध में दिल्ली-एनसीआर में चले किसानों के लंबे आंदोलन का राकेश टिकैत ने नेतृत्व किया था। यूं तो इस आंदोलन में किसानों के कई संगठन और नेता थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर राकेश टिकैत की छवि बनी थी। आंदोलन के दौरान और यूपी चुनाव के समय राकेश टिकैत के कुछ राजनीतिक बयान सामने आए। जिससे भारतीय किसान यूनियन के नेताओं में उनके खिलाफ नाराजगी गहरा गई थी।