परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के मुताबिक, भारत के आरएमजी निर्यात में ऐसे समय पर वृद्धि हुई है, जब रेड सी क्राइसिस के कारण लॉजिस्टिक लागत में इजाफा हो गया और वैश्विक स्तर पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि भारत के आरएमजी निर्यात में अप्रैल से अगस्त 2024 के बीच औसत 7.12 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। रेडीमेड गारमेंट के निर्यात में वृद्धि जब हो रही है, तब वस्तुओं का निर्यात गिरकर अगस्त में 13 महीने के निचले स्तर को छू गया है।
आगे कहा, “इंडस्ट्री को मजबूत देखना काफी उत्साहजनक है। उत्पाद की गुणवत्ता के साथ-साथ पर्यावरण और सामाजिक अनुपालन पर ध्यान देने के साथ इंडस्ट्री उच्च वृद्धि दर और परिधान निर्यात का एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बनने के लिए तैयार है।” एईपीसी के जनरल सेक्रेटरी मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा, “चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हमारा निर्यात जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस और नॉर्वे में क्रमश: 7.7 प्रतिशत, 16.8 प्रतिशत, 12.5 प्रतिशत, 6.6 प्रतिशत और 17.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
एईपीसी ने आगे कहा कि यह अधिक श्रम क्षमता ग्रहण करने वाला सेक्टर है, जो भारत डेमोग्राफिक डिविडेंड का फायदा उठाते हुए विकास के लिए तैयार है। इंडस्ट्री को ऐसे में सरकार के समर्थन की आवश्यकता है, क्योंकि वैश्विक परिस्थिति बदलने के कारण दुनिया अपने पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं से हटकर भारत को विकल्प के तौर पर देख रही है।