गणतंत्र दिवस का इतिहास
गणतंत्र दिवस का इतिहास बड़ा ही रोचक है। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया। साल 1929 की दिसंबर में लाहौर में पंडित जावरहलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का अधिवेशन किया गया था। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित करते हुए इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का दर्जा नहीं दिया गया तो भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र देश घोषित कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें – जानिए क्या है इस बार गणतंत्र दिवस 2022 की थीम
दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान
भारतीय संविधान 2 साल 11 माह और 18 दिन में लिखा गया। डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व किया। यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें 444 अनुच्छेद 22 भागों व 12 अनुसूचियों में बांटा गया था। इसमें ‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’ की अवधारणा फ्रांसीसी संविधान से प्रेरित है जबकि पंचवर्षीय योजना की प्रेरणा सोवियत संघ के संविधान से ली गई।
यह भी पढ़ें – Budget 2022 में किसानों को मिल सकती है बड़ी सौगात,पीएम किसान सम्मान की रकम में हो सकती है बढ़ोतरी
गणतंत्र दिवस से जुडे़ महत्वपूर्ण तथ्य
— 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था।
— पूर्ण स्वराज दिवस (26 जनवरी 1930) को ध्यान में रखते हुए भारत के संविधान को 26 जनवरी को लागू किया गया था।
— गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है। यह परेड आठ किलोमीटर की होती है और इसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है। उसके बाद राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किले पर समाप्त होती है।
— 26 जनवरी, 1950 को पहली गणतंत्र दिवस परेड, राजपथ के बजाय तत्कालीन इर्विन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम) में हुई थी। उस वक्त इर्विन स्टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी और उसके पीछे लाल किला साफ नजर आता था।
— राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। 21 तोपों की ये सलामी राष्ट्रगान की शुरूआत से शुरू होती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ पूरी हो जाती है।
— हर साल गणतंत्र दिवस पर राज्यों की झाकियां निकलती हैं, जिसका टीवी पर लाइव प्रसारण भी किया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर खासतौर पर झाकियां देखने के लिए कई लोग इंडिया गेट भी जाते हैं।