किसान-पानी बड़ा मुद्दा, सीएम से नाराजगी
बेंगलूरु से मंड्या, नागमंगला, मेडुकोटे और श्रीरंगपट्टनम का दौरा करने पर इलाके में तेज गर्मी के बीच कावेरी की पतली धारा और किसानों के चेहरों व जुबान पर फसल की चिंता नजर आती है। नागमंगला के किसान लिंगय्या और मंड्या के चंद्रशेखरन पानी की कमी से फसल सूखने से चिंतित हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में कम बरसात से सूखा पड़ा है, कावेरी में पानी कम है।कुछ दिनों पहले किसानों ने मंड्या के विश्वैश्वरैया सर्किल पर धरने में आए मुख्यमंत्री एन.सिद्धारामैया ने वादा किया था कि जरूरत पडऩे पर किसानों को पानी देंगे लेकिन आखिरी बारी में पानी देने के वादे से मुकर गए। चुनाव में यह वादाखिलाफी कांग्रेस को भारी पड़ेगी। चंद्रशेखर कहते हैं कि कुमारस्वामी किसानों के हितैषी हैं उन्हें इसका फायदा मिलेगा। वह मुख्यमंत्री के रूप में कुमारस्वामी द्वारा कराए गए काम भी गिनाते हुए कहते हैं कि भाजपा के वोट जुडऩे से यहां जेडीएस का पलड़ा भारी है।
श्रीरंगपट्टनम के श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर के पास रामचंद्रन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भक्त दिखे। बोले- मंड्या में भाजपा-जेडीएस का सम्मिलन सौ फीसदी जीत की गारंटी है, मोदी देश के लिए गॉड-गिफ्ट हैं तो कुमारस्वामी ने मंड्या में खूब काम करवाए हैं। वहीं कांग्रेस के करीब एक दर्जन कार्यकर्ताओं के साथ बैठे सोनू मिलिटरी कुमारस्वामी और मोदी दोनों से नाराज हैं। वह मोदी पर अफवाह व झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यहां विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस जीतेगी।
वोक्कालिगा, मोदी और गारंटी का मुकाबला
मंड्या सीट पर एनडीए गठबंधन मोदी के चेहरे और कुमारस्वामी के वोक्कालिगा वोटों पर प्रभाव के भरोसे है। क्षेत्र में करीब पौने आठ लाख मतदाता वोक्कालिगासमुदाय के हैं। कुमारस्वामी और स्टार चंद्रू दोनों ही वोक्कालिगा हैं लेकिन कुमारस्वामी और उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा इस समुदाय के ज्यादा प्रभावी नेता माने जाते हैं। इसका लाभ कुमारस्वामी को मिलता दिख रहा है।दूसरी ओर पीएम मोदी की आम मतदाता में चर्चा है। कुमारस्वामी ने दिल्ली में मोदी-मंड्या में कुमारस्वामी का नारा देकर मोदी को केंद्र में रखा है। भाजपा ने हनुमान मंदिर से भगवा ध्वज उतारने और हुब्बली के नेहा मर्डर मामले को भी मुद्दा बनाया है। मेडुकोटे की विजयम्मा कहती हैं कि मोदी के कारण जेडीएस जीतेगी।
उनके साथ खड़ी कमलम्मा राज्य की सिद्धरामैया सरकार की गारंटियों की चर्चा कर कहती हैं कि महिलाएं कांग्रेस को वोट देंगी। कांग्रेस उम्मीदवार स्टार चंद्रू पूरी तरह कांग्रेस सरकार की गारंटियों के भरोसे हैं। क्षेत्र के पार्टी विधायक भी उनके लिए जी-जान से जुटे हैं।
भाजपा को जेडीएस के चेहरे पर जीत की आस
आजादी के बाद से ही कांग्रेस या विपक्षी मध्यमार्गी पार्टी (जनता दल के रूप) का गढ़ रही इस सीट पर आज तक भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं जीत पाई है। इसीलिए इस सीट को गठबंधन में जेडीएस के लिए छोड़ दिया गया। पिछले चुनाव में यहां दिग्गज फिल्म स्टार और कांग्रेस व जेडीएस से तीन बार सांसद रहे अंबरीष की पत्नी सुमालता भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीती थीं। तीखे जुबानी प्रहार वाले उस चुनाव में उन्होंने कुमारस्वामी के पुत्र निखिल कुमारस्वामी को करीब सवा लाख वोटों से हराया था।चुनाव से ऐन पहले सुमालता भाजपा में शामिल हो गईं। सुमालता ने गठबंधन उम्मीदवार कुमारस्वामी को समर्थन दिया है लेकिन उनके समर्थक खुल कर सक्रिय नहीं हैं। इसके बावजूद समुदाय के वोट, पानी के मुद्दे पर किसानों में असंतोष और मोदी-कुमारस्वामी के नाम-काम के चलते एनडीए इस सीट पर बढ़त बना ले तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
एचडी कुमारस्वामी – जेडीएस
मजबूतीखुद का कद और काम
पीएम मोदी की लोकप्रियता
वोक्कालिगा मतों पर प्रभाव
कमजोरी
विधानसभा चुनाव में भारी पराजय
परिवारजनों को ही मौका देने का आरोप
भाजपा-आरएसएस काडर की पूर्ण सक्रियता का अभाव
स्टार चंद्रू – कांग्रेस
मजबूतीराज्य सरकार की गारंटियों का लाभ
कुमारस्वामी पर परिवार को बढ़ावे का आरोप
कांग्रेस विधायकों का पूर्ण समर्थन
कमजोरी
नए होने से अनुभवहीनता
कावेरी पानी मुद्दे पर किसानों की नाराजगी
वोक्कालिगा समुदाय में कुमारस्वामी का बड़ा कद
महल बनाम सिद्धू की प्रतिष्ठा = मैसूर लोकसभा चुनाव परिणाम
मैसूरु लोकसभा सीट का चुनाव महल और मुख्यमंत्री एन.सिद्धरामैया की प्रतिष्ठा का मुकाबला बन गया है। इस सीट पर 20 साल बाद प्रतिष्ठित मैसूर के वाड्यार राजा परिवार के युवा वारिस यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाड्यार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने उनके मुकाबले युवा और नए चेहरे एम लक्ष्मण को मौका दिया है लेकिन अपने गृह जिले में मुख्यमंत्री सिद्धरामैया परोक्ष रूप से इस सीट पर मुकाबले में हैं। सिद्धरामैया ने एक चुनाव रैली में मैसूरु और निकटवर्ती चामराजनगर सीट के परिणाम को अपनी सीएम की कुर्सी से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इन सीटों पर 60000 वोटों से ज्यादा की जीत पर होने पर उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने जनता से पूछा कि क्या वे उन्हें सीएम बने रहना देखना चाहते हैं? उधर, जनता में यह सवाल है कि महल का मालिक भाजपा के टिकट पर संसद में पहुुंचेगा या नहीं?यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाड्यार – भाजपा
मजबूती– पूर्व राजपरिवार के कराए जनहित के काम
– मोदी की छवि और भाजपा संगठन
– जेडीएस से गठबंधन
कमजोरी
– चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं
– कमल निशान पर मुसलमानों का समर्थन नहीं
– विपक्षी उम्मीदवार वोक्कालिगा
एम लक्ष्मण – कांग्रेस
मजबूती– कांग्रेस की गारंटियां और सीएम का समर्थन
– क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक
– वोक्कालिगा के समर्थन की आस
कमजोरी
– नए उम्मीदवार और अनुभव का अभाव
– कांग्रेस कैडर का पूर्ण समर्थन नहीं
– पूर्व राजपरिवार के प्रत्याशी के परंपरागत वोट