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Lok Sabha Elections 2024: मंड्या और मैसूर लोकसभा सीट पर दांव पर लगी है दिग्गजों की प्रतिष्ठा

मंड्या लोकसभा सीट पर भाजपा-जेडीएस गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में जेडीएस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उन्हें चुनौती दे रहे कांग्रेस उम्मीदवार वेंकटरामेगौड़ा उर्फ स्टार चंद्रू दोनों ही खुद को मंड्या का बेटा बता रहे हैं। करीब 80 फीसदी किसान आबादी वाली इस सीट पर फसलों को कावेरी का पानी बड़ा मुद्दा है। पढ़िए बेंगलूरु से आशुतोष शर्मा की विशेष रिपोर्ट…

नई दिल्लीApr 25, 2024 / 07:58 am

Paritosh Shahi

Lok Sabha Elections 2024: अंग्रेजों से लोहा लेने वाले टीपू सुल्तान की धरती मंड्या के मतदाता आगामी 26 तारीख को तय करेंगे कि उनकी नजर में सन ऑफ मंड्या कौन है? टीपू सुल्तान की ऐतिहासिक राजधानी श्रीरंगपट्टनम को अपने में समेटे मंड्या लोकसभा सीट पर भाजपा-जेडीएस गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में जेडीएस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उन्हें चुनौती दे रहे कांग्रेस उम्मीदवार वेंकटरामेगौड़ा उर्फ स्टार चंद्रू दोनों ही खुद को मंड्या का बेटा बता रहे हैं। करीब 80 फीसदी किसान आबादी वाली इस सीट पर फसलों को कावेरी का पानी बड़ा मुद्दा है। कुमारस्वामी के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई है जिसमें कावेरी का पानी, उसके लाभार्थी किसान और वोक्कालिगा (गौड़ा)वोट उनका राजनीतिक भविष्य तय करेंगे। दूसरी ओर नए-नवेले उम्मीदवार के साथ मैदान में उतरी कांग्रेस के लिए यह चुनौती है कि वह विधानसभा चुनाव में मिली सफलता कायम रख पाती है या नहीं? विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की आठ सीटों में सात पर कांग्रेस व उसके समर्थक उम्मीदवार जीते थे और सिर्फ एक पर जनता द-एस। राहुल गांधी कांग्रेस की ओर से मंड्या में सभा कर चुके हैं।

किसान-पानी बड़ा मुद्दा, सीएम से नाराजगी

बेंगलूरु से मंड्या, नागमंगला, मेडुकोटे और श्रीरंगपट्टनम का दौरा करने पर इलाके में तेज गर्मी के बीच कावेरी की पतली धारा और किसानों के चेहरों व जुबान पर फसल की चिंता नजर आती है। नागमंगला के किसान लिंगय्या और मंड्या के चंद्रशेखरन पानी की कमी से फसल सूखने से चिंतित हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में कम बरसात से सूखा पड़ा है, कावेरी में पानी कम है।

कुछ दिनों पहले किसानों ने मंड्या के विश्वैश्वरैया सर्किल पर धरने में आए मुख्यमंत्री एन.सिद्धारामैया ने वादा किया था कि जरूरत पडऩे पर किसानों को पानी देंगे लेकिन आखिरी बारी में पानी देने के वादे से मुकर गए। चुनाव में यह वादाखिलाफी कांग्रेस को भारी पड़ेगी। चंद्रशेखर कहते हैं कि कुमारस्वामी किसानों के हितैषी हैं उन्हें इसका फायदा मिलेगा। वह मुख्यमंत्री के रूप में कुमारस्वामी द्वारा कराए गए काम भी गिनाते हुए कहते हैं कि भाजपा के वोट जुडऩे से यहां जेडीएस का पलड़ा भारी है।

श्रीरंगपट्टनम के श्रीरंगनाथस्वामी मंदिर के पास रामचंद्रन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भक्त दिखे। बोले- मंड्या में भाजपा-जेडीएस का सम्मिलन सौ फीसदी जीत की गारंटी है, मोदी देश के लिए गॉड-गिफ्ट हैं तो कुमारस्वामी ने मंड्या में खूब काम करवाए हैं। वहीं कांग्रेस के करीब एक दर्जन कार्यकर्ताओं के साथ बैठे सोनू मिलिटरी कुमारस्वामी और मोदी दोनों से नाराज हैं। वह मोदी पर अफवाह व झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यहां विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस जीतेगी।

वोक्कालिगा, मोदी और गारंटी का मुकाबला

मंड्या सीट पर एनडीए गठबंधन मोदी के चेहरे और कुमारस्वामी के वोक्कालिगा वोटों पर प्रभाव के भरोसे है। क्षेत्र में करीब पौने आठ लाख मतदाता वोक्कालिगासमुदाय के हैं। कुमारस्वामी और स्टार चंद्रू दोनों ही वोक्कालिगा हैं लेकिन कुमारस्वामी और उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा इस समुदाय के ज्यादा प्रभावी नेता माने जाते हैं। इसका लाभ कुमारस्वामी को मिलता दिख रहा है।

दूसरी ओर पीएम मोदी की आम मतदाता में चर्चा है। कुमारस्वामी ने दिल्ली में मोदी-मंड्या में कुमारस्वामी का नारा देकर मोदी को केंद्र में रखा है। भाजपा ने हनुमान मंदिर से भगवा ध्वज उतारने और हुब्बली के नेहा मर्डर मामले को भी मुद्दा बनाया है। मेडुकोटे की विजयम्मा कहती हैं कि मोदी के कारण जेडीएस जीतेगी।

उनके साथ खड़ी कमलम्मा राज्य की सिद्धरामैया सरकार की गारंटियों की चर्चा कर कहती हैं कि महिलाएं कांग्रेस को वोट देंगी। कांग्रेस उम्मीदवार स्टार चंद्रू पूरी तरह कांग्रेस सरकार की गारंटियों के भरोसे हैं। क्षेत्र के पार्टी विधायक भी उनके लिए जी-जान से जुटे हैं।

भाजपा को जेडीएस के चेहरे पर जीत की आस

आजादी के बाद से ही कांग्रेस या विपक्षी मध्यमार्गी पार्टी (जनता दल के रूप) का गढ़ रही इस सीट पर आज तक भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं जीत पाई है। इसीलिए इस सीट को गठबंधन में जेडीएस के लिए छोड़ दिया गया। पिछले चुनाव में यहां दिग्गज फिल्म स्टार और कांग्रेस व जेडीएस से तीन बार सांसद रहे अंबरीष की पत्नी सुमालता भाजपा के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीती थीं। तीखे जुबानी प्रहार वाले उस चुनाव में उन्होंने कुमारस्वामी के पुत्र निखिल कुमारस्वामी को करीब सवा लाख वोटों से हराया था।

चुनाव से ऐन पहले सुमालता भाजपा में शामिल हो गईं। सुमालता ने गठबंधन उम्मीदवार कुमारस्वामी को समर्थन दिया है लेकिन उनके समर्थक खुल कर सक्रिय नहीं हैं। इसके बावजूद समुदाय के वोट, पानी के मुद्दे पर किसानों में असंतोष और मोदी-कुमारस्वामी के नाम-काम के चलते एनडीए इस सीट पर बढ़त बना ले तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।

एचडी कुमारस्वामी – जेडीएस

मजबूती
खुद का कद और काम
पीएम मोदी की लोकप्रियता
वोक्कालिगा मतों पर प्रभाव

कमजोरी
विधानसभा चुनाव में भारी पराजय
परिवारजनों को ही मौका देने का आरोप
भाजपा-आरएसएस काडर की पूर्ण सक्रियता का अभाव

स्टार चंद्रू – कांग्रेस

मजबूती
राज्य सरकार की गारंटियों का लाभ
कुमारस्वामी पर परिवार को बढ़ावे का आरोप
कांग्रेस विधायकों का पूर्ण समर्थन

कमजोरी
नए होने से अनुभवहीनता
कावेरी पानी मुद्दे पर किसानों की नाराजगी
वोक्कालिगा समुदाय में कुमारस्वामी का बड़ा कद

महल बनाम सिद्धू की प्रतिष्ठा = मैसूर लोकसभा चुनाव परिणाम

मैसूरु लोकसभा सीट का चुनाव महल और मुख्यमंत्री एन.सिद्धरामैया की प्रतिष्ठा का मुकाबला बन गया है। इस सीट पर 20 साल बाद प्रतिष्ठित मैसूर के वाड्यार राजा परिवार के युवा वारिस यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाड्यार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने उनके मुकाबले युवा और नए चेहरे एम लक्ष्मण को मौका दिया है लेकिन अपने गृह जिले में मुख्यमंत्री सिद्धरामैया परोक्ष रूप से इस सीट पर मुकाबले में हैं। सिद्धरामैया ने एक चुनाव रैली में मैसूरु और निकटवर्ती चामराजनगर सीट के परिणाम को अपनी सीएम की कुर्सी से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इन सीटों पर 60000 वोटों से ज्यादा की जीत पर होने पर उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने जनता से पूछा कि क्या वे उन्हें सीएम बने रहना देखना चाहते हैं? उधर, जनता में यह सवाल है कि महल का मालिक भाजपा के टिकट पर संसद में पहुुंचेगा या नहीं?
सीएम सिद्धरामैया की चिंता के बावजूद इस क्षेत्र में मैसूर महल, पूर्व राजपरिवार के जनहित के कार्यों और भाजपा उम्मीदवार यदुवीर के क्रेज की चर्चा है। महल के आसपास से लेकर दूर गांव तक लोग याद करते हैं कि वाड्यार राजा ने शिक्षा, चिकित्सा संस्थान, गरीब पुनर्वास केंद्र, मूक बधिर छात्रावास खोल कर आम जनता की मदद की है। शहर में चाय की दुकान पर ईश्वर और जयंत कहते हैं कि यहां से राजा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के कारण भाजपा जीतेगी। यदुवीर और राजपरिवार की छवि के कारण सीएम सिद्धरामैया ने भी पार्टीजनों से कहा है कि वह महल के खिलाफ बोलने से बचें। देश के सर्वाधिक साफ-सुथरे शहरों में से एक मैसूर में चुनाव में कोई बड़ा मुद्दा नहीं दिखता। लोग पीएम मोदी और यदुवीर की छवि तथा सिद्धरामैया और उनकी सरकार की गारंटियों की ही बात करते हैं। शाइस्ता सरवरी कांग्रेस की मुरीद हैं और मोदी के कामों को अच्छा नहीं बतातीं। उनका कहना है कि गारंटियों के कारण कांग्रेस जीतेगी लेकिन भाजपा उम्मीदवार भी बुरे नहीं हैं। ईश्वरप्पा, रविंद्रा, शंकर और कविताम्मा मानती हैं कि मोदी के लिए भाजपा को वोट देंगे। मतदाता जागरुकता अभियान चला रहे प्रवासी राजस्थानी और संगठन जीतो के पदाधिकारी कांतिलाल चौहान, गौतम सालेचा और कांतिलाल पटवारी का कहना है कि पूर्व राजपरिवार और पीएम मोदी के काम और छवि चुनाव में प्रभावी रहेगी।
ओल्ड मैसूरु रीजन की वोक्कालिगा प्रभाव वाली मैसूर सीट वैसे कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां लोकसभा के 17 में से 12 चुनाव कांग्रेस ने जीते और उनमें से चार चुनाव पूर्व राजपरिवार के नरसिम्हाराजा राजा वाड्यार ने। यह भी संयोग है कि वाड्यार राजा कांग्रेस के टिकट पर पांच में से चार चुनाव जीते और भाजपा के टिकट पर 1991 में चुनाव हारा, 2004 में कांग्रेस के टिकट पर वह तीसरे नंबर पर रहे तो उन्होंने चुनाव से तौबा कर ली। पिछले दो चुनाव से यहां धारा बदली है। भाजपा के टिकट पर 2014 और 2019 में चुनाव जीते प्रताप सिम्हा का टिकट काटकर पार्टी ने यदुवीर को उम्मीदवार बनाया है। इससे सिम्हा समर्थकों में कुछ नाराजगी है जिन्हें मनाया जा रहा है। खुद सिम्हा को दूसरी सीट पर भेजा गया है। गठबंधन सहयोगी जेडीएस के कार्यकर्ता पूरी तरह सक्रिय नहीं हैं। दूसरी ओर कांग्रेस उम्मीदवार एम.लक्ष्मण भी पार्टीजनों के पूरी तरह सक्रिय नहीं होने से जूझ रहे हैं। कांग्रेसजनों का आरोप है कि वह नए हैं और कैडर के पूरी तरह संपर्क में नहीं हैं। कांग्रेस को लक्ष्मण के वोक्कालिगा समुदाय का होने से सजातीय मतदाताओं के अच्छे समर्थन की जरूर उम्मीद है। भाजपा ज्यादा मतदान करवाने और बूथ मैंनेजमेंट पर दम लगा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैसूर में जनसभा कर चुके हैं।

यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाड्यार – भाजपा

मजबूती
– पूर्व राजपरिवार के कराए जनहित के काम
– मोदी की छवि और भाजपा संगठन
– जेडीएस से गठबंधन

कमजोरी
– चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं
– कमल निशान पर मुसलमानों का समर्थन नहीं
– विपक्षी उम्मीदवार वोक्कालिगा

एम लक्ष्मण – कांग्रेस

मजबूती
– कांग्रेस की गारंटियां और सीएम का समर्थन
– क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक
– वोक्कालिगा के समर्थन की आस

कमजोरी
– नए उम्मीदवार और अनुभव का अभाव
– कांग्रेस कैडर का पूर्ण समर्थन नहीं
– पूर्व राजपरिवार के प्रत्याशी के परंपरागत वोट

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