बताते चले कि 30 मई को मुंबई की सेशंस कोर्ट ने इस मामले में मोहन चौहान को दोषी करार दिया था। जिसके बाद आज उसे सजा सुनाई गई। मुंबई सेशंस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (डिंडोशी कोर्ट) एच सी शेंडे ने दोषी मोहन चौहान को रेप और मर्डर के लिए दोषी ठहराया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील ने अपराध को जघन्य बताते हुए दोषी के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।
45 वर्षीय आरोपी मोहन चौहान इस समय जेल में है। उसने पिछले साल 10 सितंबर को मुंबई के साकीनाका इलाके में 34 वर्षीय एक महिला के साथ बलात्कार किया था। रेप के बाद मोहन चौहान ने पीड़िता के निजी अंग में लोहे का रॉड डाल दिया था। जिससे पीड़िता की हालत नाजुक हो गई थी। 11 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था।
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सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पेश वकील महेश मुले ने बुधवार को कोर्ट में दलील दी थी कि यह एक महिला और वह भी अनुसूचित जाति की महिला के खिलाफ अपराध है जो इसे और गंभीर बनाता है। महेश मुले ने सुनवाई के दौरान घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि रात के समय एक असहाय, अकेली महिला पर यह भीषण हमला है। इस घटना से मुंबई जैसे महानगर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भय हो गया था। ऐसे में दोषी को कठोर से कठोर सजा दी जाए।