ईरान के काहान अखबार के एडिटर इन चीफ ने लिखा- “न्यू यॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले बहादुर और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति को एक हजार बार सलाम। अल्लाह के दुश्मन की गर्दन चीरने वाले व्यक्ति का हाथ चूमा जाना चाहिए।” बताया जा रहा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खुमैनी ने एडिटर इन चीफ को नियुक्त किया है। वहीं, असर ईरान न्यूज वेब साइट ने शनिवार को खुमैनी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जो तीर छोड़ा है, वह एक दिन अपने लक्ष्य से जरूर टकराएगा। वतन इमरोज अखबार ने हमले की खबर की हेडलाइन दी: ‘सलमान रुश्दी के गले में चाकू’। खोरासान ने हेडलाइन दी- ‘नरक के रास्ते जाने पर शैतान’।
सलमान रुश्दी ने 1988 में ‘द सेटेनिक वर्सेज’ नामक एक किताब लिखी थी। 1989 में ईरान ने उनके खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था जिसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। यह किताब इस्लाम पर आधारित है। इसे आज तक की सबसे विवादित किताबों में से एक माना जाता है और दुनिया के अधिकतर देशों में इस पर प्रतिबंध लग चुका है। इस नॉवेल को लिखने के लिए वे लगातार इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर रहे हैं।
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‘द सेटेनिक वर्सेज’ नॉवेल के लिए ईरान के नेता अयात्तुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने 1989 में उन्हें मारने के लिए फतवा जारी कर दिया था। इस फतवे में रूश्दी को मारने के लिए 30 लाख डॉलर का इनाम रखा गया था, जो आज भी चला आ रहा है। वहीं लेखक पर इस हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। । हालांकि, ईरान के एक डिप्लोमैट ने कहा- “हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है।”
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75 वर्षीय लेखक रुश्दी इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। वो अभी वेंटिलेटर पर हैं। इस हमले के कारण वह अपनी एक आंख गंवा सकते हैं। उनके लीवर में भी गंभीर चोट आई है। साथ ही हाथों की नसें भी कट गई हैं। रुश्दी के एजेंट एंड्रू यील ने बताया कि वे बिल्कुल बोल नहीं पा रहे हैं। अस्पताल के एक डॉक्टर ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि रुश्दी के गले और पेट पर चाकू के कई घाव थे। अभी उनकी सर्जरी की गई है।