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सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले की ईरान ने की तारीफ, कहा – ‘हमला करने वाले को एक हजार बार सलाम’

locationनई दिल्लीPublished: Aug 13, 2022 10:29:50 pm

Submitted by:

Archana Keshri

ईरानी समाचार पत्रों ने शनिवार को अमेरिका के न्यूयार्क शहर में उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर खुशी जताई है। इन अखबारों ने लेखक पर बर्बर हमला करने वाले का खुलकर समर्थन किया है। 33 साल पहले ईरान ने रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था। वहीं, ईरान के एक डिप्लोमैट का कहना है कि इस हमले से उनका कोई लेना-दना नहीं है।

Salman Rushdie on Ventilator After New York Stabbing, Iran's hardline newspapers praise attacker

Salman Rushdie on Ventilator After New York Stabbing, Iran’s hardline newspapers praise attacker

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया। हमला करने वाले की पहचान 24 वर्षीय हादी मतार के रूप में हुई है, जो न्यूजर्सी का रहने वाला है। वहीं, इस हमले को लेकर ईरानियों ने खुशी जताई है। ईरान में कई कट्टरपंथी समाचार पत्रों ने शनिवार को सलमान रुश्दी के हमलावर की जमकर तारीफ की। लेखक पर हुए इस हमले से सभी चौंक गए है मगर ईरान में इसका समर्थन किया जा रहा है। ईरान के कई अखबारों में हमलावर हादी मतार का समर्थन किया गया।
 


ईरान के काहान अखबार के एडिटर इन चीफ ने लिखा- “न्यू यॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला करने वाले बहादुर और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति को एक हजार बार सलाम। अल्लाह के दुश्मन की गर्दन चीरने वाले व्यक्ति का हाथ चूमा जाना चाहिए।” बताया जा रहा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खुमैनी ने एडिटर इन चीफ को नियुक्त किया है। वहीं, असर ईरान न्यूज वेब साइट ने शनिवार को खुमैनी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जो तीर छोड़ा है, वह एक दिन अपने लक्ष्य से जरूर टकराएगा। वतन इमरोज अखबार ने हमले की खबर की हेडलाइन दी: ‘सलमान रुश्दी के गले में चाकू’। खोरासान ने हेडलाइन दी- ‘नरक के रास्ते जाने पर शैतान’।
 


सलमान रुश्दी ने 1988 में ‘द सेटेनिक वर्सेज’ नामक एक किताब लिखी थी। 1989 में ईरान ने उनके खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था जिसके बाद से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। यह किताब इस्लाम पर आधारित है। इसे आज तक की सबसे विवादित किताबों में से एक माना जाता है और दुनिया के अधिकतर देशों में इस पर प्रतिबंध लग चुका है। इस नॉवेल को लिखने के लिए वे लगातार इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर रहे हैं।

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‘द सेटेनिक वर्सेज’ नॉवेल के लिए ईरान के नेता अयात्तुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने 1989 में उन्हें मारने के लिए फतवा जारी कर दिया था। इस फतवे में रूश्दी को मारने के लिए 30 लाख डॉलर का इनाम रखा गया था, जो आज भी चला आ रहा है। वहीं लेखक पर इस हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। । हालांकि, ईरान के एक डिप्लोमैट ने कहा- “हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है।”

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75 वर्षीय लेखक रुश्दी इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। वो अभी वेंटिलेटर पर हैं। इस हमले के कारण वह अपनी एक आंख गंवा सकते हैं। उनके लीवर में भी गंभीर चोट आई है। साथ ही हाथों की नसें भी कट गई हैं। रुश्दी के एजेंट एंड्रू यील ने बताया कि वे बिल्कुल बोल नहीं पा रहे हैं। अस्पताल के एक डॉक्टर ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि रुश्दी के गले और पेट पर चाकू के कई घाव थे। अभी उनकी सर्जरी की गई है।

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