Punjab | Dalbir Kaur, sister of Indian national Sarabjit Singh who was sentenced to death for spying by a Pakistan court in 1991 and died in 2013, passed away late last night. Her last rites will be conducted today at Bhikhiwind in Punjab. pic.twitter.com/Ma6ADe9zwd
— ANI (@ANI) June 26, 2022
पाकिस्तान की सीमा में घुस गए थे सरबजीत सिंह
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में सरबजीत सिंह ने कहा था कि मैं किसान है। मेरा बॉडर के पास घर है। मैं गलती से भटक के पाकिस्तान की सीमा में चला आया। इसके बाद भी सरबजीत को जासूसी के आरोप लगाकर पाकिस्तान की जेल में बंद कर दिया गया था और फिर 1991 में फांसी की सजा सुनाया था। हालांकि 2008 में अनिश्चितकाल के लिए फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई थी।
भाई को भारत लाने के लिए छेड़ी थी मुहिम
2012 में कैदियों की अदला-बदली की खबर के बाद सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने अपने भाई की रिहाई की छेड़ी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी सरबजीत सिंह को रिहा करने का अनुरोध किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान की सरकार सहानभूति और मानवीय आधार पर विचार करते हुए सरबजीत सिंह को रिहा करना चाहिए।
2013 में सरबजीत सिंह की हुई मौत
सरबजीत सिंह को भारत वापस लाने की मुहिम के बीच पाकिस्तान ने 2013 बताया कि लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह बंद थे, जहां 6 कैदियों ने उनपर ईंट और धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में उनके सिर में गंभीर चोट आई, जिसके बाद उन्हें लाहौर के जिन्ना अस्पताल ले जाया गया। वहां उनकी मौत हो गई है।