दरअसल, एक युवक ने सरकारी नौकरी के लिए अंग्रेजी में एप्लीकेशन फॉर्म भरा और परीक्षा उसने हिंदी भाषा में दी। इस कारण उस युवक को नौकरी से हाथ धोना पड़ा, जिसके कारण हैंडराइटिंग एक्सपर्ट दोनों भाषाओं को मिलान कर पाने में सक्षम नहीं रहे। ऐसे में उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि एप्लीकेशन फॉर्म को अलग भाषा में भरने और परीक्षा को अलग भाषा में देने पर एप्लीकेशन फॉर्म को रिजेक्ट किया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला
महेंद्र सिंह ने साल 2011 में RPF भर्ती के लिए एक एप्लीकेशन फॉर्म भरा, जिसमें फॉर्म अंग्रेजी में भरा और साइन हिंदी में किया। इसके बाद साल 2013 में लिखित परीक्षा हुई, जिसमें उसने OMR सीट को हिंदी में भरा और साइन भी हिंदी में किया। ऐसे में हैंडराइटिंग एक्सपर्ट दोनों भाषा को मिलान नहीं कर पाए, जिसके कारण उसको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी युवक को झटका देते हुए केंद्र सरकार के पक्ष को सुनते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है।
क्या-क्या रखें सावधानी
सरकारी नौकरी के लिए एप्लीकेशन फॉर्म भरने से पहले उससे जुड़े सभी निर्देशों को ध्यान से पढ़ ले। इसके बाद सभी निर्देशों का पालन करते हुए ही एप्लीकेशन फॉर्म भरें। वहीं फार्म भरते समय जो हाथ से लिख कर अपलोड करना होता है उसे उसी भाषा में लिखे, जिस भाषा में परीक्षा देना है। इसके साथ ही साइन हमेशा एक प्रकार का करें।