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Amit Shah on 2002 Gujarat Riots: गुजरात दंगों पर SC के फैसले के बाद बोले अमित शाह, PM मोदी को इस दर्द को झेलते हुए देखा है

Published: Jun 25, 2022 11:37:08 am

Submitted by:

Mahima Pandey

Amit Shah on Gujarat Riots: पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए क्लीन चिट पर आज गेह मंत्री अमित शाह ने बात की। इस दौरान कई अहम बिंदुओं को उन्होंने सामने रखा।

Saw PM Modi suffer: Amit Shah after SC upheld clean chit to PM in Gujarat riots

Saw PM Modi suffer: Amit Shah after SC upheld clean chit to PM in Gujarat riots

साल 2002 में हुए गुजरात दंगे एक बार फिर से चर्चा में हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस दंगे में पीएम मोदी को दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। अब इसी मुद्दे पर आज गृह मंत्री अमित शाह ने एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया है। अमित शाह ने इस दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दिया उसपर बाद में बात करेंगे लेकिन ये अवश्य कहूँगा कि आरोप गढ़े गए थे जिसे खुद कोर्ट ने माना था। कोर्ट ने माना था कि आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे। इसके बाद अमित शाह ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी को इस दर्द को झेलते हुए बहुत नजदीक से देखा है।
सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान तरह सहन किया
अमित शाह से जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूछा गया कि उन्हें कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा, “18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतार कर सहन करके लड़ता था। आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ बाहर आया है तो आनंद ही होगा। मैंने बहुत नजदीक से मोदी जी को इस दर्द को, इस आरोप को झेलते हुए देखा है। और सबकुछ सत्य होने के बावजूद क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया जारी है हम कुछ नहीं बोलेंगे, इस तरह का स्टैंड बहुत मजबूत मन का आदमी ही ले सकता है।”

अमित शाह ने आगे कहा, “मैं आज जो इंटरव्यू दे रहा हूँ वही इन्टरव्यू मैं गुजरात का गृह मंत्री रहते हुए भी दे सकता था, लेकिन जब तक न्यायिक प्रक्रिया जारी रही तब तक मोदी जी ने कुछ नहीं कहा जिससे कि कोई प्रभाव पड़े। चुपचाप उसे सहन करते रहे।कुछ लोगों ने उन आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर लगाया था। हमने 19 सालों में कुछ नहीं कहा आज बताता हूँ।” इसके बाद अमित शाह ने एक एक कर मामले पर अपनी राय रखी।
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पीएम मोदी ने पूछताछ करने पर नहीं किया कोई ड्रामा
अमित शाह ने कहा, “मोदी जी पर लगे सभी आरोप खारिज हो चुके हैं और इससे बीजेपी पर जो धब्बा लगा था वो भी धूल गया है। मोदी जी जैसे वैश्विक नेता पर जिस तरह के आरोप लगे थे, मैं मानता हूँ कि लोकतंत्र के अंदर मोदी जी ने संविधान का सम्मान कैसे हो सकता है इसका एक आदर्श उदाहरण सभी राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वालों के समक्ष रखा है।”

अमित शाह ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, “मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी। किसी ने धरना प्रदर्शन नहीं किया था। देशभर से कार्यकर्ता आकर मोदी जी के समर्थन में रैली के लिए खड़े नहीं हुए थे। हमने कानून का सहयोग किया था। मुझे भी अरेस्ट किया गया था फिर भी कोई धरना प्रदर्शन नहीं किया था। जब सत्य इतनी लंबी लड़ाई के बाद बाहर आता है विजयी होकर तो सोने से भी अधिक उसकी चमक होती है। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि जिन लोगों ने भी मोदी जी पर आरोप लगाए थे अगर उनकी अन्तरात्मा है तो उन्हें बीजेपी और मोदी जी से क्षमा माँगनी चाहिए।”
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जानबूझकर झूठ को एक इकोसिस्टम ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया
जब अमित शाह से पूछा गया कि सर आरोप लगे थे क्या, दंगे तो हुए ही थे। इसपर अमित शाह ने कहा, “आरोप क्या था? दंगों में राज्य सरकार का हाथ था। यहाँ तक भी कह गए कि दंगों में मुख्यमंत्री का हाथ था। आरोप ये थे, दंगे से कौन इनकार कर रहा है। देश में दंगे कई जगह हुए।”

जब अमित शाह से पूछा गया कि क्यों प्रशासनिक तौर पर और न ही पुलिस कुछ कर पाई दंगा रोकने के लिए तो अमित शाह ने कहा, बीजेपी की विरोधी राजनीतिक पार्टियां, कुछ विचारधारा के लिए राजनीति में आए हुए पत्रकार और कुछ NGO ने मिलकर इस आरोपों को इतना प्रचारित किया था। इसका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि धीरे-धीरे झूठ को लोग सच मानने लगे। उस समय भले ही केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार को लेकिन मीडिया के काम में दखल देने का हमारा attitude नहीं है। न उस किया था और न ही आज करते हैं। उस इकोसिस्टम ने झूठ को इस तरह से पेश किया कि सभी लोग उसे सच मानने लगे।”

SIT राज्य सरकार की सहमति से बनी थी
SIT बनाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर अमित शाह ने कहा, “SIT का ऑर्डर एक NGO ने मांग की थी, जब कोर्ट ने हमारे वकील से पूछा तो हमने भी कह दिया कि जब कुछ छुपाना ही नहीं है तो SIT बने हमें क्या आपत्ति है। राज्य सरकार और कोर्ट की सहमति के बाद ही SIT बनी थी। इसका उल्लेख कोर्ट के फैसले में भी था।”
सेना को बुलाने में एक दिन भी देरी नहीं हुई
अमित शाह ने इंटरव्यू में कहा, “जब दंगे भड़के तो तुरंत गुजरात सरकार ने सेना को बुलाया था। सेना को पहुँचने में समय लगा था। इस बात को कोर्ट ने भी अपने फैसले में माना है। उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय होने के बावजूद 1984 में दिल्ली में सिखों की हत्या को कांग्रेस नहीं रोक पई। तब क्यों कांग्रेस ने कोई SIT का गठन नहीं किया?, कोई जांच क्यों नहीं करवाई? ये हम पर पक्षपात का आरोप लगा रहे है।”
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