वैज्ञानिकों ने पहली बार मेंगलुरु, चेन्नर्इ, मन्नार बेसिन, अंडमान निकाेबार द्वीप आैर लक्षद्वीप के आसपास 2014 में इन धातुआें का पता लगाया था। वैज्ञानिकों को समुद्र के नीचे से लाइम मड, फोसफेट रिच आैर हाइड्रोकार्बन्स जैसी चीजें मिली हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि पानी के भीतर बड़े पैमाने पर आैर भी कीमती धातु हो सकते हैं।
जियोलाॅजिकल सर्वे आॅफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने करीब एक लाख 81 हजार वर्ग किमी का हार्इ रेजाॅल्यूशन सीबेड माेरफोलाॅजिकल डेटा तैयार किया है। माना जा रहा है कि भारतीय इकोनाॅमिक जाेन में 10 हजार मिलियन टन से भी ज्यादा लाइम मड मौजूद है।
वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि मंगलुरु आैर चेन्नर्इ काेस्ट में बड़ी मात्रा में फास्फेट है। वहीं तमिलनाडु के मन्नार बेसिन कोस्ट में गैस हाइडेट की बड़ी मात्रा मौजूद है। जबकि अंडमान सागर में मैगनीज आैर लक्षद्वीप के नजदीक माइक्रो नोडयूल है।
समुद्र की तह में खनिजों पर रिसर्च करने के लिए तीन जहाजों को लगाया गया है। इनमें समुद्र रत्नाकर, समुद्र कौस्तुभ आैर समुद्र सौदीकामा शामिल है। ये तीनों जहाज अत्याधुनिक अनुसंधान में सक्षम हैं।