इससे पहले 11 मई को भगवंत मान सरकार ने आठ नेताओं की वीआईपी सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए थे। उससे पहले भी सरकार दो बार वीआईपी की सुरक्षा में कटौती कर चुकी है। इसके तहत अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ और पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी समेत आठ नेताओं की सुरक्षा घटाते हुए 129 पुलिसकर्मियों और 9 पायलट वाहनों को वापस बुला लिया गया था।
Punjab | Security cover of 424 people withdrawn with immediate effect and the concerned Police personnel directed to report to Spl DGP State Armed Police, JRC at Jalandhar Cantt today.
— ANI (@ANI) May 28, 2022
These 424 people include retired Police officers, religious leaders and political leaders.
वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद सरकार ने सबसे अधिक 28 सुरक्षाकर्मी पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल से वापस ले लिए थे। इसके अलावा उनकी सुरक्षा में तैनात तीन वाहन भी वापस ले लिए गए हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी की सुरक्षा में तैनात 37 गनमैन में से 19 को वापस बुला लिया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री होने के नाते उनकी सुरक्षा में 18 गनमैन तैनात रखे जाएंगे। बताते चले कि पंजाब में सरकार बनाने के बाद से मान सरकार लगातार वीआईपी कल्चर समाप्त करने पर लगी है। जिसकी लोग तारीफ भी कर रहे हैं।
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इससे पहले वीआईपी कल्चर पर नकेल कसने की ओर कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदेश की सभी जेलों में बनाए गए वीआईपी सेल बंद करने के आदेश जारी किए। एक वीडियो संदेश के जरिये मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जेलों में वीआईपी कल्चर खत्म करना चाहते हैं। इसके अलावा उन्होंने जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल और अन्य अवैध कारोबार पर भी शिकंजा कसने की भी बात कही।