scriptनए लुक में शहाबुद्दीन की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल, जेल में चार मोबाइल 4 सिम बरामद | Shahabuddin New look Photo Viral on social media | Patrika News

नए लुक में शहाबुद्दीन की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल, जेल में चार मोबाइल 4 सिम बरामद

Published: Jan 07, 2017 09:14:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

दो भाईयों की हत्या के आरोप में बिहार के सीवान मंडल जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के नया लुक सामने आया है। इस नए लुक की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं।

Shahabuddin

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दो भाईयों की हत्या के आरोप में बिहार के सीवान मंडल जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के नया लुक सामने आया है। इस नए लुक की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं। तस्वीरें सामने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में शनिवार को जेल में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान चार मोबाइल फोन और चार सिम कार्ड जब्त किए। 
पूर्व सांसद के नए अंदाज का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जेल और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने एक साथ कई कैदी वार्डो में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पूर्व सांसद के वार्ड से किसी भी तरह का आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं किया गया। हालांकि, एक अन्य कैदी वार्ड से 4 मोबाइल और 4 सिम कार्ड बरामद किया गया है। 
लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर जेल के अंदर बंद शहाबुद्दीन के पास मोबाइल फोन कहां से आया जिससे ना केवल उसने तस्वीरें खिचवाई बल्कि सेल्फी भी ली। चौंकाने वाली बात यह है कि शाहबुद्दीन ने जो तस्वीरें खिंचवाई उन्हें जेल के अंदर से आखिर सोशल मीडिया पर अपलोड कैसे किया गया? जेल प्रशासन की मानें तो शहाबुद्दीन के करीबी अदनान खान ने इन तस्वीरों को जेल के बाहर से सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
जिला प्रशासन ने इस मामले में चार कैदियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। नए अंदाज में पूर्व सांसद ने अपने घने बालों और मूंछ को कटवा लिया है जिससे वह बिल्कुल ही अलग दिखाई दे रहे हैं। पूर्व सांसद के इस नए अंदाज को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। 
गौरतलब है कि पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन सीवान के व्यवसायी चंदा बाबू के दो बेटों की हत्या के आरोप में जेल में बंद है। पूर्व सांसद 10 सितम्बर 2016 को 13 साल बाद भागलपुर केंद्रीय जेल से जमानत पर छूटे थे लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ठीक 20 दिन बाद उन्हें उसी जेल में जाना पड़ा था।

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