कोस्ट गार्ड के डीआईजी को कारण बताओ नोटिस
Published: Feb 18, 2015 05:39:00 pm
पाकिस्तानी नौका में विस्फोट पर सरकारी बयान से विरोधाभासी बयान बाजी करने के आरोप में तटरक्षक बल के डीआईजी बी के लोशाली को बुधवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने गत 31 दिसंबर की रात पाकिस्तानी नौका में विस्फोट की घटना पर सरकारी बयान से विरोधाभासी बयान बाजी करने के आरोप में तटरक्षक बल के डीआईजी तथा उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ बी के लोशाली को बुधवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि हम इस मुद्दे पर अपने पहले दिए गए बयान से अडिग हैं। अगर किसी ने गलत बयान दिया है तो यह मामला उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का है।
मैं इस मामले को देखूंगा और जरूरत पडऩे पर कार्रवाई की जाएगी। लोशाली को यह नोटिस पर्रिकर के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही जारी किया गया।
उधर तटरक्षक बल के उप महानिदेशक के आर नौटियाल ने बताया कि उन्हें लोशाली का आज लिखित बयान मिला है जिसमें उन्होंने अपने हवाले से एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में छापी गयी खबर का खंडन किया है।
लोशाली ने बयान में कहा है कि अखबार की खबर में उन्हें गलत उद्धृत किया गया है। उन्होंने इस संबंध में एक खंडन भी भेजा है जिसमें कहा गया है कि उन्होंने नौका में विस्फोट करने का आदेश नहीं दिया था।
लोशाली ने लिखा है कि अखबार में छपी खबर आधारहीन है और मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है। मैंने इस तरह का बयान नहीं दिया है । वह अभियान मेरी निगरानी में नहीं हुआ था और मेरे संबंध में आर्ई यह खबर तथ्यात्मक नहीं है।
मैंने यह बयान नहीं दिया है। हालांकि मैंने यह जरूर कहा है कि देशद्रोहियों को बिरयानी खिलाने के बजाए उन्हें कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जानी चाहिए।
सच्चाई यह है कि मैने इस काम को अंजाम नहीं दिया है बल्कि यह तटरक्षक बल के कमांडर के नेतृत्व मंे हुआ था। मैं यह दोहराना चाहता हूं कि नौका में अपने आप विस्फोट हुआ और उसे बल के जवानों ने नहीं डुबोया।
रिपोर्ट के मुताबिक लोशाली ने ही पाकिस्तान से आई इस नौका को विस्फोट कर उड़ाने का आदेश दिया था। अखबार के मुताबिक लोशाली ने सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान यह बयान दिया था।
इस समारोह में तटरक्षक बल के जवान और लार्सन एंड टुब्र्रों कंपनी के अधिकारी मौजूद थे। अखबार में प्रकाशित डीआईजी का बयान सरकार के उस बयान के ठीक विपरीत है जो इस घटना के बाद सरकार ने जारी किया था।
सरकारी बयान के मुताबिक तटरक्षक बल के जवानों ने पाकिस्तानी नौका का लगभग एक घंटे तक पीछा किया जिसके बाद नौका सवार संदिग्ध आतंकवादियों ने खुद ही नौका में विस्फोट कर दिया।
घटना के बाद तट रक्षक बल ने भी कहा था कि पाकिस्तानी नौका अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुसी और जब उसका पीछा किया गया तो नौका में विस्फोट हो गया और नौका डूब गई।
पांच जनवरी को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के हवाले भी खबरें आई कि पाकिस्तानी नौका का संबंध आतंकवादी गतिविधियों से हो सकता है। नौका विस्फोट के बाद स्वत: डूब गई थी। पाकिस्तान सरकार ने भारत के आरोप को गलत बताते हुए इसका खंडन किया था।