उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, “लाखों लोग सिख धार्मिक प्रतीकों वाले पगड़ी, कपड़े पहनते हैं और यहां तक कि गर्व के साथ टैटू भी बनवाते हैं। मैंने भी सिख के तौर पर अनजाने में शॉल पहन लिया।” एक दिन पहले, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पूर्व क्रिकेटर सिद्धू को ‘शॉल ओढ़कर सिख धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ पर माफी मांगने का निर्देश दिया था। कुछ सिख समूहों ने अकाल तख्त के समक्ष सिद्धू के पहनावे को लेकर विरोध जताया था।