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बिट्टा कराटे के खिलाफ फिर खुलेगा केस! कश्मीरी पंडित की याचिका पर कोर्ट में आज सुनवाई

locationनई दिल्लीPublished: Mar 30, 2022 10:48:31 am

जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की हत्या का मामला एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 90 के दशक में हुए नरसंहार के मुख्य आरोपी रहे बिट्टा कराटे को लेकर कश्मीरी पंडितों में खासी नाराजगी है। खास बात यह है कि एक बार फिर बिट्टा की मुश्किल बढ़ सकती है। कश्मीरी पंडित की याचिका पर कोर्ट में इसको लेकर सुनवाई होगी।

Srinagar Court Will Hear Petition On Re Opening Of Murder Trial Against Bitta Karate

Srinagar Court Will Hear Petition On Re Opening Of Murder Trial Against Bitta Karate

जम्मू कश्मीर में 20 से ज्यादा हत्याओं के आरोपी रहे आतंकी बिट्टा कराटे की मुश्किल 31 साल बाद एक बार फिर बढ़ सकती है। दरअसल द कश्मीर फाइल्स फिल्म के बाद से ही कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को लेकर एक बार फिर आवाज बुलंद हुई है। वहीं आतंकी बिट्टा कराटे को लेकर भी कश्मीरी पंडित ने श्रीनगर कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में बिट्टा कराटे के खिलाफ केस दोबारा खोले जाने की मांग की गई है। इसी मामले में बुधवार को श्रीनगर कोर्ट में सुनवाई होना है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाता है तो बिट्टा कराटे की मुश्किलें तीन दशक के बाद एक बार फिर बढ़ सकती है। बता दें कि उस दौरान बिट्टा कराटे के सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया था।

बिट्टा कराटे के खिलाफ कश्मीरी पंडित पीड़ित सतीश टिक्कू के परिवार ने एक्टिविस्ट विकास राणा की मदद से श्रीनगर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में वकील उत्सव बैंस टिक्कू के परिवार की ओर से पक्ष रखेंगे।

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बिट्टा ने मानी थी कश्मीरी पंडितों की हत्या

कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात उस दौरान बिट्टा कराटे ने खुद कबूल की थी। बिट्टा कराटे एक अलगाववादी नेता है। इसे उस दौरान कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्या और आतंकवाद से संबंधित आरोपों में जेल में डाला गया था।


इसी दौरान एक इंटरव्यू में बिट्टा ने खुद ये कहा था कि, उसने 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या की है।

आदेश मिलता तो मांग और भाई को भी मार डालता

वर्ष1991 में दिए इंटरव्यू में बिट्टा कहता है कि अगर उसे अपनी मां या भाई का कत्ल करने का आदेश भी मिलता तो वह उनकी भी हत्या करने से नहीं हिचकता। बिट्टा ने इंटरव्यू के दौरान ये भी कहा कि, किस तरह उसने 22 वर्षीय कश्मीरी पंडित सतीश कुमार टिक्कू की हत्या से घाटी में कत्लेआम का सिलिसला शुरू किया था।


बिट्टा के खिलाफ 19 से ज्यादा उग्रवाद के मामले

बता दें कि बिट्टा के खिलाफ 19 से ज्यादा उग्रवाद से संबंधित मामले दर्ज किए गए थे। यही नहीं बिट्टा कराटे को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत भी गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2008 में अमरनाथ विवाद के दौरान भी उसे गिरफ्तार किया गया था।

इस वजह से नाम पड़ा बिट्टा कराटे

बिट्टा कराटे नाम के पीछे भी एक कहानी है। दरअसल बिट्टा मार्शल आर्ट में ट्रेंड था, इसलिए उसके नाम के आखिर में लोग कराटे लगाने लगे। बिट्टा कराटे ने करीब 16 साल सलाखों के पीछे बिताए, आखिर में 23 अक्टूबर, 2006 को टाडा अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया।


दिलबाग सिंह भी दे चुके केस खोलने का संकेत

बता दें कि कश्मीरी पंडित की याचिका से पहले जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी संकेत दिए थे, कि यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ दर्ज केस दोबारा खोले जा सकते हैं।

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