गृह मंत्री सोमवार को यहां सशस्त्र सीमा बल के 53 वें स्थापना दिवस पर बल के अधिकारियों और जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि बल को और अधिक मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार एक समर्पित खुफिया विंग बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत की नेपाल और भूटान से लगती सीमा पर बेरोक आवाजाही है और उसी का फायदा उठाकर राष्ट्रविरोधी तत्व भारतीय सीमा में घुसपैठ और अन्य गतिविधियों को अंजाम दे रहे है। ऐसे तत्वों पर नियंत्रण के लिये एक खुफिया विंग की स्थापना जरुरी है।
बल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके अधिकारियों और जवानों ने माओवादियों से निपटने ,उग्रवादियों से लडऩे ,आपदा प्रबंधन और नेपाल के बाढ़ पीडितों के लिए राहत एवं बचाव कार्यों में अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण में अब एसएसबी की दो बटालियनों की तैनाती की गई है क्योंकि सामाजिक कल्याण और दोस्ताना रिश्ते बनाने में यह कारगर भूमिका निभा रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि एसएसबी की सीमा पर स्थित चौकियों में महिला कर्मचारियों के लिये सुविधाओं की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार यहां सुविधाओं को बढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने बल के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके समर्पित अभियानों के कारण ही एसएसबी ने इस साल सीमा क्षेत्रों में 274 करोड़ रुपए की कीमत के मादक पदार्थ को जब्त किया है और इसे देखते हुए एसएसबी को एक बहुआयामी बल कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा।
इसके साथ ही उन्होंने ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर एसएसबी की महानिदेेशक अर्चना रामासुंदरम, नेपाल और भूटान के अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने बल की पत्रिका ‘समाचार’ तथा कॉफी टेबुल बुक का विमोचन किया।