ये याचिका हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए दाखिल की गई है, जिसमें माइनिंग लीज जारी करने के मामले में अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका (PIL) को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने भरोसा दिलाया है कि वो मामले को लिस्ट करेंगे।
चीफ जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मीनक्षी अरोड़ा के उस रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें मामले में जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया गया था। झारखंड सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 29 जुलाई तय की गई है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई इससे पहले हो।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को झारखंड हाईकोर्ट को पहले याचिका सुनवाई के योग्य है या नहीं , ये तय करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं। याचिका के सुनवाई योग्य होने के फैसले के आधार पर, हाईकोर्ट उसके बाद कानून के अनुसार आगे बढ़ सकता है।