तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत घोषित करने और सभी स्कूलों में लागू करने की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी इस मामले पर 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इसके अलावा उच्चतम न्याययालय 23 अगस्त को यह तय करेगा कि सिनेमा हॉल में लागू राष्ट्रीय गान से संबंधित नियम को वह वापस ले या नहीं।
गौरतलब है कि साल 2016 के 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान के मामले पर अपना अहम फैसला सुनाया था। जहां अदालत ने एक आदेश देते हुए कहा था कि देश के सभी सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में अब फिल्मों को दिखाने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य है। साथ ही कहा था कि राष्ट्रगान बजते समय सिनेमा हॉल के पर्दे पर राष्ट्र ध्वज दिखाना जरुरी है।
राष्ट्रीय गान बजाने को लेकर भोपाल के श्याम नारायण चौकसे ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद वह काफी चर्चा में भी रहे। जिसमें उन्होंने व्यावसायिक गतिविधि के इस्तेमाल के लिए राष्ट्रीय गान के चलन पर रोक लगाने की मांग की गर्इ थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए साल 2016 के अक्टूबर महीने में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
तो वहीं इस मामले पर केंद्र ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि समाज का एक तबका इस फैसले के खिलाफ है, जो कि मौलिक कर्तव्यों को पूरा नहीं करना चाहते हैं। इस मामले पर केरल के फिल्मकारों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को अपना आदेश वापस ले लेना चाहिए। और ना ही किसी को इसके लिए विवश करना चाहिए।