न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि एनईईटी जारी रहेगी और निजी मेडिकल कॉलेजों को इस परीक्षा से मुक्ति नहीं मिलेगी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि निजी महाविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों को 2016-17 के लिए खुद से अंडरग्रेजुएट मेडिकल व डेंटल प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति कतई नहीं मिलेगी।
न्यायालय के इस मौखिक आदेश के बाद विभिन्न निजी मेडिकल कॉलेजों के वकीलों ने जबरदस्त विरोध किया था। इन सभी ने कहा था कि न्यायालय का यह आदेश उनके मुवक्किलों के संस्थान स्थापित करने और उसे चलाने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।