न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि पहले राजस्थान से जुड़े मामले को जल्द से निपटाने की जरूरत है। आसाराम ने स्वास्थ्य को आधार बनाकर जमानत पर रिहा किए जाने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि उनकी हालत इतनी भी खराब नहीं है कि उनका जोधपुर में इलाज न किया जा सके।
न्यायालय ने पिछले दिनों भी आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उनपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। न्यायालय ने उन्हें झूठी मेडिकल रिपोर्ट देकर जमानत की अर्जी लगाने का दोषी पाया है।
इस मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में हैं। आसाराम पर कथित तौर पर अपने ही आश्रम की एक नाबालिग से यौन दुष्कर्म का आरोप है और वह इस मामले में जोधपुर केंद्रीय जेल में बंद हैं।