मुख्य न्यायाधीश ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘आप हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं।’ इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायाल ने सरकार को जरूरी नियुक्तियां करने के लिए एक हफ्ते का समय देते हुए नोटिस भी जारी किया है।
यह भी पढ़ेंः CBI का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगा Supreme Court, पूछा- कितनों को दिलाई सजा और कितने मामले लंबित? ट्राइब्यूनल में नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। CJI एनवी रमना ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट का सम्मान नहीं कर रही है। ट्राइब्यूनल सुधार कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार का यह रवैया न्यायिक संस्थाओं को दुर्बल बना रहा है।
सरकार से टकराव नहीं चाहती अदालत
सीजेआई एन वी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि वह केंद्र सरकार के साथ किसी तरह का टकराव नहीं चाहती।
लेकिन वह चाहती है कि बड़ी संख्या में रिक्तियों का सामना कर रहे ट्राइब्यूनल में केंद्र कुछ नियुक्तियां करे।
सीजेआई एन वी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि वह केंद्र सरकार के साथ किसी तरह का टकराव नहीं चाहती।
लेकिन वह चाहती है कि बड़ी संख्या में रिक्तियों का सामना कर रहे ट्राइब्यूनल में केंद्र कुछ नियुक्तियां करे।
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बता दें कि कई अहम ट्राइब्यूनल और राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ( NCLT ), दूरसंचार विवाद समाधान एवं अपील अधिकरण ( TDSAT ) जैसे अपीलीय ट्राइब्यूनल में करीब 250 पद खाली हैं। पीठ ने कहा कि नियुक्तियां नहीं कर के आप ट्राइब्यूनल को कमजोर कर रहे हैं।
बता दें कि कई अहम ट्राइब्यूनल और राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ( NCLT ), दूरसंचार विवाद समाधान एवं अपील अधिकरण ( TDSAT ) जैसे अपीलीय ट्राइब्यूनल में करीब 250 पद खाली हैं। पीठ ने कहा कि नियुक्तियां नहीं कर के आप ट्राइब्यूनल को कमजोर कर रहे हैं।
दरअसल केंद्र सराकर को यह नोटिस कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिका पर जारी किया गया है। कोर्ट ने ट्राइब्यूनल सुधार अधिनियम, 2021 के विभिन्न प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिका समेत कई नई याचिकाओं पर नोटिस जारी किए।