राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को भी इसकी जानकारी हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषक और भाजपा मामलों के जानकार राजाराम सिहं का कहना है कि मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान लखनऊ में विधानमंडल दल की बैठक में ही किया जाएगा। इस पद के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिहं का नाम तेजी से आगे बढ़ा है, लेकिन वह मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर रहे हैं।
उधर, यह भी चर्चा है कि चुनाव में अति पिछड़े वर्ग का व्यापक समर्थन मिला है, इसलिए मुख्यमंत्री भी उसी वर्ग का हो सकता है। राजनीतिक गलियारों में पिछडे वर्ग से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए सुर्खियों में है। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सांसद होने के नाते मौर्य का पत्ता कट भी सकता है।
इसके अलावा केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, योगी आदित्यनाथ, भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना, भाजपा उपाध्यक्ष और लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा, मथुरा से विधायक चुने गये श्रीकांत शर्मा तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र और इलाहाबाद से विधायक चुने गए सिद्धार्थ ङ्क्षसह का नाम चर्चा में है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है हरियाणा की तरह कोई ऐसा चेहरा भी सामने लाया जा सकता है जो आमतौर पर सुर्खियों में न रहता हो।