
Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई आतंकी हमलो के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा से शनिवार को दूसरे दिन भी एनआइए अधिकारियों ने पूछताछ की। एनआइए राणा से उस व्यक्ति के बारे में जानना चाहती है, जो दुबई में उससे मिला था। संदेह है कि वह व्यक्ति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का ऑपरेटिव था। सूत्रों के मुताबिक एनआइए के पास एक ऐसा गवाह है, जो हमले से पहले ही राणा को जानता था और राणा-डेविड हेडली के बचपन का दोस्त है। उम्मीद है आगे की सुनवाई में एनआइए राणा और उस ‘रहस्यमय गवाह’ का को आमने-सामने करवाएगी।
इस बीच मीडिया रिपोर्ट में सामने आया है कि राणा ने दिल्ली की एक विशेष अदालत से मांग की है कि उसे ऐसा वकील नहीं चाहिए, जो उसके जरिए नाम और शोहरत कमाने की कोशिश करे। एडिशनल सेशन जज (एनआइए) चंदरजीत सिंह ने अपने आदेश में कहा, आरोपी ने आग्रह किया है कि उसका वकील ऐसा न हो, जो उसके जरिए नाम और प्रसिद्धि पाने की मंशा रखता हो। जज ने कहा, भले ही विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत कानूनी सेवा वकील नियुक्त किए गए हों, फिर भी आरोपी की मांग को स्वीकार किया जाता है।
अदालत ने निर्देश दिए कि विधिक सेवा वकील मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे। यदि वकीलों की जानकारी पहले से मीडिया को ज्ञात नहीं है तो वह भी साझा नहीं की जाएगी। अदालत ने वकील से संवाद के लिए राणा को सॉफ्ट टिप पेन और कागज देने को कहा है, ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।
11 अप्रेल को कस्टडी के पहले दिन एनआइए के अधिकारियों ने तहव्वुर राणा से महज तीन घंटे पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक राणा ने ज्यादातर सवालों के जवाब ‘नहीं पता’ या ‘याद नहीं’ कहकर टाल दिए। परिवार और दोस्तों से जुड़े सवाल भी बीमारी का हवाला देकर पूछताछ से बचने की कोशिश की।
Published on:
13 Apr 2025 08:41 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
