रविवार को राज्य में चले कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए तमिनलाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने लोगों से शवरमा खाने से परहेज करने की बात की। सुब्रमण्यम ने कहा कि अपने यहां की खाने-पीने की कई चीजें हैं। हमें ऐसे व्यंजनों का सेवन करने से बचना चाहिए जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। मंत्री ने बताया कि शवरमा पश्चिमी भोजन है। जो वहां की जलवायु परिस्थिति के कारण उपयुक्त हो सकता है। क्योंकि इसे पश्चिमी देशों में माइनस डिग्री में रखा जाता है। लेकिन अपने यहां की परिस्थिति में यह फिट नहीं है। मंत्री ने कहा कि मांस का कोई भी सामान यदि फ्रीजर में सही समय पर नहीं रखा जाए तो तो वह खराब हो जाता है।
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मंत्री ने बताया कि शवरमा को सही तरीके से स्टोर करने की सुविधा भारतीय दुकानों में नहीं है। इसलिए दुकान से खुले में रखते है। जहां धूल भी होती है। युवावर्ग बिना इसके प्रभाव को जाने खा रहे हैं। अब जबकि इसे खाने से एक लड़की की मौत हो चुकी है, 58 लोग बीमार हो चुके हैं तो इसे खाने से परहेज करने में ही हमारी भलाई है। मंत्री ने दुकानदारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो केवल अपना व्यापार देख रहे हैं। लेकिन हमें अपनी और अपने परिजनों की सुरक्षा की फिक्र है।
क्या है शवरमा, कैसे तैयार होता है
शरवमा मिस्त्र, अरब प्रायद्वीप और मध्य पूर्व के देशों का प्रसिद्ध डिश है। वहां लोग इसे बडे़ चाव से खाते हैं। यह एक नॉनवेज डिश है। जिसे मेमने या मटन के साथ बनाया जाता है। इसे तैयार करने के लिए मांस को पतले स्लाइस में काटा जाता है। फिर इसे शंकु के आकार में रखा जाता है। फिर धीरे-धीरे मुड़ने वाली खड़ी रोटिसरी पर इसे भूना जाता है। यह एक फेमस स्ट्रीट फूड है। जिसे मेमने, मटन, बीफ, चिकन आदि से तैयार किया जाता है। लेकिन इसे तैयार करने की प्रॉपर सुविधा भारतीय दुकानदारों के पास नहीं है।
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जांच के बाद 1000 दुकानदारों पर किया गया जुर्माना
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने आगे कहा कि शवरमा के बारे में कई शिकायतें आई थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा विभाग को जांच का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि जांच के बाद करीब 1000 दुकानों पर पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने के कारण उनपर जुर्माना किया गया है। मंत्री ने आगे बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग का यह अभियान आगे भी चलता रहेगा।