रोका जाएगा कश्मीरी पंडितों का पलायन बैठक में यह फैसला भी किया गया कि कश्मीरी पंडितों को पलायन से रोका जाएगा। उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन विशेष गाइडलाइंस जारी करेगा।
हाइब्रिड आतंकियों का पता लगाने के लिए विशेष टीम जम्मू-कश्मीर प्रशासन कई ऐसी टीमों का गठन करने वाला है, जो हाइब्रिड आतंकियों का पता लगाएंगी। आइबी एवं जम्मू-कश्मीर इंटेलिजेंस विंग के सदस्यों की संख्या बढ़ाई जा रही है। फिलहाल जो टारगेट किलिंग हो रही हैं, उनमें जनता की तरफ से पुलिस को सहयोग नहीं मिल रहा है। हाइब्रिड आतंकियों का आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है। घाटी के संदिग्धों का डाटा जुटाने के लिए एनटीआरओ की मदद ली जाएगी। हाइब्रिड आतंकियों का आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है। घाटी के संदिग्धों का डाटा जुटाने के लिए एनटीआरओ की मदद ली जाएगी।
बिगड़ते हालात से पलायन टारगेट किलिंग को लेकर कश्मीरी पंडित और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय ने बड़े पैमाने पर कश्मीर घाटी से पलायन शुरू कर दिया हैं। अनंतनाग के मट्टन ट्रांजिट कैंप में रहने वाले 100 से अधिक लोग जम्मू की ओर पलायन कर गए। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने इसकी पुष्टि की। स्थानीय प्रशासन की ओर से शिविरों में बाहर निकलने की मनाही के बीच कश्मीरी पंडितों के कई परिवार घाटी छोड़ रहे हैं। कश्मीर से जम्मू पहुंचे हिंदू कर्मचारियों ने शुक्रवार को ऑल जम्मू बेस्ड रिजर्व्ड केटेगरी एम्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का कहना है कि घाटी में डर का माहौल है। वे वापस जाने वाले नहीं हैं। वे कश्मीर में नौकरी नहीं करना चाहते। उन्हें जम्मू में तैनात किया जाना चाहिए। सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती है तो वे संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी भी दी।
खीर भवानी मेले के बहिष्कार का निर्णय घाटी में हिंदुओं के बढ़ते कत्ले-आम के खिलाफ कश्मीरी पंडितों ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में लगने वाले खीर भवानी मेले का बहिष्कार करने का फैसला किया है। माता खीर भवानी ट्रस्ट के अनुसार गांदरबल जिले के तुलमुल्ला गांव के राग्या देवी मंदिर में 7 जून के मेले में शामिल होने के लिए यात्रा 5 जून को नगरोटा से निकलने वाली है। खीर भवानी मंदिर में कश्मीरी पंडितों की गहरी आस्था रही है। इस मेले को कश्मीरी पंडितों की पहचान माना जाता है।