अमीरों और गरीबों के बीच की खाई शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के क्षेत्रों में कम हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के हिसाब से उपभोग के पैमाने पर केरल सबसे अमीर राज्य है, जहां प्रति व्यक्ति मासिक उपभोग व्यय 5,924 रुपये है। वहीं शहरी इलाकों के हिसाब से तेलंगाना सबसे समृद्ध राज्य है। तेलंगाना के शहरी इलाकों में उपभोग पर लोग औसतन हर महीने 8,158 रुपये खर्च कर रहे हैं। यह औसत देश के अन्य राज्यों के शहरी इलाकों की तुलना में सबसे ज्यादा है।
इस सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्र के 8,723 गांवों में 1,55,014 परिवार शामिल किए गए, जबकि शहरी क्षेत्र में 6,115 ब्लॉकों के 1,06,732 परिवार इसमें शामिल किए गए। उपभोग के स्तर पर एनएसएसओ की मौजूदा रिपोर्ट काफी अंतराल के बाद आई है। इससे पहले आखिरी रिपोर्ट 2011-12 में आई थी। उसके बाद 2017-18 में भी रिपोर्ट का प्रकाशन होना था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसे सरकार ने खारिज कर दिया था। बाद में कोरोना महामारी के चलते सर्वेक्षण का काम टलता रहा और उसके चलते रिपोर्ट को तैयार किए जाने में देरी होती चली गई।
इस सर्वेक्षण पर भी सवाल उठाए गए हैं। जानकारों का कहना है कि रिपोर्ट में उपभोग असमानता की वास्तविक सीमा को कम करके आंका गया है। उदाहरण के लिए रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण और शहरी परिवारों के शीर्ष 5% का औसत मासिक उपभोग केवल 10,501 और 20,824 रुपए है। देश के अमीर वर्ग के मौजूदा उपभोग स्तर को देखते हुए यह खर्च हकीकत से दूर लगता है।