साथ रहते हैं और खेती-बाड़ी करते हैं
पबित्र ने छह बीघा जमीन पर रेजिडेंशियल सेटअप ‘अमार गांव’ बनाया है, जहां सब साथ रहते हैं और पढ़ाई-लिखाई, रिहर्सल, खेती-बाड़ी, कामकाज करते हैं। थिएटर से आत्मविश्वास मिलने के बाद कुछ लोग वापस अपने घर जाकर बिजनेस भी करने लगे हैं। जब किसी थिएटर प्रोडक्शन पर काम करना होता है तो वे आ जाते हैं। पबित्र के इस नेटवर्क में असम के अलावा 3-4 कलाकार महाराष्ट्र से भी हैं। कई फिल्मों में अभिनय कर चुके पबित्र का कहना है, ‘अमार गांव’ में रहने वाले ये कलाकार जब कोई नाटक या वर्कशॉप नहीं कर रहे होते हैं, तो खेती में समय बिताते हैं। जो उपज होती है, उससे सालभर खर्च चलता है।
कोशिश से कामयाबी तक…
बदल गया जीवन
कद कम होने से सपने छोटे नहीं होते। खुशी है कि मेरी कोशिश काफी हद तक सफल रही है। अब लोग इन्हें उपहास नहीं, सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। इनका अभिवादन करते हैं और इनके अभिनय की तारीफ करते हैं।
– पबित्र राभा, एक्टर व थिएटर डायरेक्टर