एक रिपोर्ट के अनुसार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पास 9 हजार किलोग्राम शुद्ध सोना जमा है। दान में मिला 7,235 किलो सोना देश के दो बैंकों में जमा है और करीब 1,934 किलो सोना खजाने में रखा है। सोने के खजाने में भक्तों की ओर से चढ़ाई गई 553 किलो छोटी ज्वैलरी और अन्य आइटम शामिल हैं।
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तिरुपति बालाजी मंदिर में रोज 50 हजार से एक लाख श्रद्धालु आते हैं। सालाना ब्रह्मोत्सव और त्योहारों पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर रोजाना 4-5 लाख हो जाता है। भक्त सोना, चांदी, कैश, जमीन के कागजों के अलावा कंपनियों के शेयर भी चढ़ावे में रखते हैं। हुंडी कलेक्शन या दान से मंदिर हर वर्ष 1000 से 1200 करोड़ रुपए की कमाई करता है। मंदिर के 12 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए अलग-अलग बैंकों में फिक्स्ड डिपोजिट के रूप में जमा है। बैंकों में रखे सोने से मंदिर को ब्याज में 100 किलो से ज्यादा सोना हर वर्ष मिलता है। आंध्र प्रदेश सरकार ने जंबो बोर्ड के गठन को लेकर तीन अलग-अलग आदेश जारी किए। इनमें कहा गया कि बोर्ड का गठन टीटीडी के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, पर्यावरणीय चरित्र को संरक्षित करने और तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं व आम जनता के कल्याण के सिद्धांतों का पालन करने के लिए किया गया है।
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दान पाने में दुनिया का सबसे अमीर मंदिरआंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है, जबकि दान प्राप्ति के मामले में यह दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है। मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, जिन्हें विष्णु का अवतार माना जाता है। मंदिर समुद्र तल से 2800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी मासिक आय 200 से 220 करोड़ रुपए है।