संविधान पीठ इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। पीठ यह देखेगी कि क्या यह धर्म का मामला है। अगर यह देखा गया कि यह धर्म का मामला है तो कोर्ट इसमें दखल नहीं देगी, लेकिन अगर यह धर्म का मामला नहीं निकला तो सुनवाई आगे चलती रहेगी।
तीन तलाक से मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है या नहीं। इस पर कोर्ट देखेगी। बहुविवाह पर कोर्ट सुनवाई नहीं करेगा। सीजेआई ने साफ कहा कि पहले तीन तलाक का मुद्दा ही देखा जाएगा। इस सुनवाई में पहले तीन दिन चुनौती देने वालों को मौका मिलेगा।
फिर तीन दिन डिफेंस वालों को मौका मिलेगा। चुनौती देने वालों को बताना पड़ेगा कि धर्म की स्वतंत्रता के तहत तीन तलाक नहीं आता, वहीं डिफेंड करने वालों को यह बताना पड़ेगा कि यह धर्म का हिस्सा है।