क्या है अदालत का फैसला?
अदालत ने पीड़ित पक्ष की तरफ से पेश हुए 35 गवाहों के बयान दर्ज किए और ऑटोप्सी और फोरेंसिक रिपोर्ट सहित सभी सबूतों के आधार पर कालीचरण को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट शंकरी दास ने इस मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि 'इस तरह के अपराध में मौत की सजा होनी चाहिए और दोषी को वही सजा दी गई है।'
इस फैसले पर पर पीड़िता की तरफ से पेश हुए वकील बिकाश दुबे ने कहा, 'ये घटना दुर्लभ मामलों में से एक है। आज मृतक के परिवार को न्याय मिला तो खुशी हो रही है।'
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10 साल की मासूम से रेप के बाद 20 हड्डियां तोड़कर की थी हत्या
क्या है मामला?
पिछले साल 22 फरवरी को खोवई जिले के तेलियामुरा के दुस्की इलाके से एक मासूम को अगवा कर लिया गया था, इस घटना की शिकायत परिजनों ने पुलिस में की थी। करीब 6 दिनों बाद मासूम का शव जंगल से बरामद हुआ। शव का पोस्टमार्टम किया गया तो पता चला कि बच्ची के शरीर पर कई घाव थे जो इस दरिंदे की क्रूरता को जगजाहिर कर रहे थे। त्रिपुरा पुलिस को कालीचरण पर शक हुआ और उसे गिरफ्तार कर लिया। इस आरोपी ने पहले तो अपने अपराध से इनकार किया, लेकिन जब पुलिस ने पर्याप्त सबूतों के साथ पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
एक साल बाद मिला मासूम को न्याय
कालीचरण ने पुलिस को बताया था कि उसने मासूम बच्ची के साथ रेप किया और फिर उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को पास के जंगल में एक पेड़ से बांधकर छोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने कालीचरण त्रिपुरा के खिलाफ IPC की धारा 376 (A), (B), 302, 301 और POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया था।
25 मार्च 2021 को पुलिस ने मामले की सुनवाई के लिए चार्जशीट दायर की थी। एसआई बिद्वेश्वरी सिन्हा ने इस मामले की तह तक जांच की। करीब एक साल बाद मासूम को न्याय मिला है।
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