नई दिल्लीPublished: Jul 15, 2023 07:56:22 am
Prabhanshu Ranjan
Debate on UCC: देशव्यापी अंतर-धार्मिक सहमति के बिना UCC को लागू करना गलत है। इससे अल्पसंख्यकों के बीच भय पैदा करेगा। साथ ही यह संविधान की भावना का उल्लंघन होगा। यह कहते हुए एनडीए की पूर्व सहयोगी पार्टी ने यूसीसी का विरोध जताया है।
Debate on UCC: समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इससे जुड़े बिल को 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में संसद में पेश किए जाने की चर्चा चल रही है। लेकिन यूसीसी की जरूरत पर बहस छिड़ी है। कई दल इसके साथ तो कई इसके खिलाफ है। इस बीच शुक्रवार को यूसीसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को एक बड़ा झटका तब लगा जब लंबे समय तक एनडीए का साथ निभाने वाली सहयोगी पार्टी ने यूसीसी की मुखालफत की। दरअसल शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की लंबे समय तक साथ निभाने वाली शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने यूसीसी का विरोध किया। अकाली दल ने कहा कि देशव्यापी अंतर-धार्मिक सहमति के बिना UCC को लागू करना गलत है। इससे अल्पसंख्यकों के बीच भय पैदा करेगा। साथ ही यह संविधान की भावना का उल्लंघन होगा।