केया बस हादसे के लिए खस्ता हालत सड़क और चालक की लापरवाही जिम्मेदार केया में बस के खाई में गिरने का कारण खस्ताहाल सड़कें और चालक की लापरवाही बताई जा रही है। चालक ने शराब पी रखी थी या नहीं इसकी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक जिस जगह से बस खाई में गिरी, वहां सड़क की हालत काफी खराब है। सड़क के चौड़ीकरण का काम भी लगा है। वहां पर मोड़ भी है और रास्ता थोड़ा संकरा है। पुलिस के मुताबिक हालांकि सड़क इतनी ज्यादा खराब नहीं है और न ही सड़क इतनी संकरी है कि बस आसानी से न गुजर सके। इस संकरे और खराब सड़क के साथ वाहन चालक की लापरवाही इस हादसे की वजह बनी। हालांकि पुलिस ने वाहन की बहुत ज्यादा रफ्तार तेज होने से इन्कार किया है। उन्होंने जिस तरह का वह क्षेत्र और सड़क है, वहां पर तेज वाहन चला पाना संभव नहीं है।
मौके पर पहुंच एसडीओपी एसडीपीओ रामनगर भीष्म दूबे ने बताया कि चालक भी हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है और जीएमसी रेफर किया गया है। दुबे के अनुसार, हादसे के बाद वह खुद मौके का जायजा लेने गए थे। वहां पर सड़क की हालत खराब है और वह संकरी भी है। मगर यहां से बस आराम से निकल सकती थी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे में खराब सड़क के साथ चालक की लापरवाही की बात सामने आ रही है। वहां पर उसकी टेस्ट रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा उसने शराब पी रखी थी या नहीं।
खाई में गिरने से पहले पेड़ों से टकराने से बची जानकारी के अनुसार, हादसे में बारातियों से भरी बस खाई में लुढ़कते हुए जितना नीचे गिरी, उससे हादसे के परिणाम बेहद गंभीर हो सकते थे। मगर खाई में गिरते ही पेड़ों से टकरा कर उसकी गति कम हो गई। इसके साथ बस की हालत और मजबूती अच्छी थी। जिस कारण परिणाम उतने गंभीर नहीं हुए, जितने पुराने बस के गिरने पर हो सकते थे। पुलिस और केया की सरपंच के मुताबिक अनियंत्रित बस खाई में गिरते ही नीचे लगे तीन चार पेड़ों के साथ टकराई। जिससे पेड़ भी उखड़ गए। मगर इससे बस के खाई में गिरने की रफ्तार कम हुई। बस अधिक तेजी से नहीं गिरी और नुकसान कम हुआ।
बस नहीं थी पुरानी वहीं एआरटीओ ऊधमपुर जुगल किशोर के मुताबिक बनिहाल रूट के बस अधिक पुरानी नहीं है। पांच से छह वर्ष पुरानी होने की वजह से बस की बाड़ी की काफी मजबूत थी। जिससे करीब 100 फीट से ज्यादा नीचे गिरने पर भी बस को वैसा नुकसान नहीं पहुंचा, जैसा पहुंच सकता था। अक्सर इस तरह के हादसों में बस के परखच्चे उड़ जाते हैं। ऐसा होने की वजह से हादसे के परिणाम भी बेहद गंभीर होते हैं। गनीमत रही कि इस हादसे के परिणाम उतने ज्यादा गंभीर नहीं हुए, मगर फिर भी इस हादसे में दो लोगों की जान जाना और 50 से ज्यादा लोगों का घायल होना अफसोसजनक है।
इसी जगह पर गिरा था इको वाहन सरपंच संतोष कुमारी के मुताबिक केया में ठीक इसी जगह पर छह सात माह पूर्व भी एक इको वाहन गिरा था। उसमें भी एक ही परिवार के करीब चार लोगों की मौत हो गई थी।