किसानों को राहत देेने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। कृषि ऋण पर नौ प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जाता है। अब पांच प्रतिशत की छूट मिलने से किसानों को चार प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। इस स्कीम में सरकार करीब 19000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
गौरतलब है कि पहले महाराष्ट्र उसके बाद मध्य प्रदेश में हुए किसान आंदोलन के बाद से कर्जमाफी की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। मध्य प्रदेश में आंदोलन उग्र होने पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी, जिसमें 6 किसानों की मौत हो गई। इस कारण राज्य के 9 जिले कई दिनों तक हिंसा की चपेट में रहे।
दरअसल यूपी विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने सरकार बनने के बाद किसानों की कर्जमाफी का एलान किया था। जिसके बाद सीएम योगी ने अपनी पहली कैबिनेट में किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया था। इसी के बाद से देश के अन्य राज्यों में किसान आंदोलन कर कर्जमाफी की मांग करने लगे थे।