scriptअमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने खत्म किया गर्भपात का अधिकार: बाइडेन बोले, ट्रंप द्वारा नियुक्त जज छीन रहे महिलाओं के फंडामेंटल राइट | US Supreme Court abolished the right to abortion: Biden criticizes | Patrika News

अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने खत्म किया गर्भपात का अधिकार: बाइडेन बोले, ट्रंप द्वारा नियुक्त जज छीन रहे महिलाओं के फंडामेंटल राइट

locationजयपुरPublished: Jun 25, 2022 08:19:02 am

Submitted by:

Swatantra Jain

अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने रो वी वेड के नाम से जाना जाने वाला 50 साल पुराना अपनी ही फैसला पलट दिया है, जिसने 50 साल से वहां महिलाओं के लिए राष्ट्रव्यापी गर्भपात अधिकारों की गारंटी दी थी। अब नये फैसले में कहा गया है कि संविधान “गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है” और “गर्भपात के नियमन करने का अधिकार लोगों और उनके निर्वाचित प्रतिनिधियों को वापस कर दिया गया है”।

usa_sc_abortion_verdict.jpg
अमरीका में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिससे वहां की राजनीति और सिविल सोसायटी और नागरिक अधिकार आमूल चूल बदल गए हैं। एक दूरगामी महत्व का फैसला सुनाते हुए गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है। ऐसा कर कोर्ट (Federal Supreme Court of USA) ने अपने ही पांच दशक पुराने उस ऐतिहासिक फैसले को बदल दिया है जहां पर महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी (Right to Abort) दर्जा दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है। हमारी तरफ से ‘रो बनाम वेड’ केस को खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने ये जरूर कहा है कि अमरीका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने नियम-कानून बना सकते हैं।
अब राज्य बनाएंगे नियम

कोर्ट के आदेश में एक जगह पर लिखा है, “हम मानते हैं कि गर्भपात कराने का हक़ संविधान प्रदत्त नहीं है… और गर्भपात के नियमन को लेकर फ़ैसला लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों के हाथों में होना चाहिए।”
बता दें, कुछ सप्ताह पहले इस मामले के फ़ैसले से जुड़ा एक दस्तावेज़ लीक हुआ था जिसके बाद ये चर्चा शुरू हो गई थी कि कोर्ट इसके हक़ में फ़ैसला दे सकता है। जानकार कहते हैं कि कोर्ट का ये फ़ैसला अमरीका में गर्भपात के हक़ को बदल देगा क्योंकि इसके बाद हर राज्य अब इसे लेकर अपने नियम बना सकेगा। माना जा रहा है कि इसके बाद आधे से अधिक अमेरिकी राज्य गर्भपात क़ानून को लेकर नए प्रतिबंध लागू कर सकते हैं।
अब तक महिला का था गर्भपात का हक

अब जिस ऐतिहासिक फैसले को पलटा गया वो, वो अमरीका की ही सुप्रीम कोर्ट ने साल 1973 में दिया था। केस का नाम था रो बनाम वेड (Roe vs Wade)। इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि गर्भ का क्या करना है, ये फैसला महिला का होना चाहिए। इस एक फैसले के बाद ही अमरीका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था। लेकिन अब इतने सालों बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने उसी फैसले को पलट दिया है जिसकी वजह से देश में माहौल काफी गर्म है।
अमरीकी राष्ट्रपति Joe Biden ने किया देश को संबोधित

परिस्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन देश के नाम संबोधन भी किया है। फैसले का विरोध कर रहे लोगों से उन्होंने अपील की है कि प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखा जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमे काफी खतरनाक रास्ते पर लेकर जा रहा है। लेकिन फिर भी प्रदर्शन कर रहे सभी लोग कानून को अपने हाथ में ना लें। वैसे अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत नहीं किया है। उन्होंने इसे सीधे तौर पर निजता हनन बताया है। वे कहते हैं कि कोर्ट ने सिर्फ 50 साल पुराना आदेश वापस नहीं लिया है, बल्कि उन्होंने सीधे-सीधे अमेरिकियों की निजी स्वतंत्रता पर हमला कर दिया है। बाइडेन ने अपने संंबोधन में साफ तौर पर उन तीन जजों को इस फैसले के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिन्हें अमरीका के निवर्तमान राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने नियुक्त किया था।
https://twitter.com/POTUS/status/1540470588141178883?ref_src=twsrc%5Etfw
https://twitter.com/FLOTUS/status/1540434135650639877?ref_src=twsrc%5Etfw
https://twitter.com/Mike_Pence?ref_src=twsrc%5Etfw
राजनीतिक संघर्ष गहराने के संकेत

ये सुप्रीम कोर्ट के खुद के ही दिए पुराने फ़ैसले के विपरीत है और अभूतपूर्व है। माना जा रहा है कि इसके बाद अलग-अलग राज्यों के बीच राजनीतिक संघर्ष एक अलग स्तर तक पहुंच सकता है और पूरा देश इस मामले में विभाजित दिख सकता है। 13 राज्य पहले ही ऐसे क़ानून पारित कर चुके हैं जो गर्भपात को ग़ैरक़ानूनी करार देते हैं, ये क़ानून सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद लागू हो जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि कुछ और राज्य भी जल्द इससे जुड़े प्रतिबंध लागू कर सकते हैं, जबकि कई राज्य महिलाओं को गर्भपात से जुड़ा हक़ देने वाले नियम लागू कर सकते हैं।
ट्रंप ने किया फैसले का स्वागत

वहीं अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति ने इस फैसले को दैवीय बताते हुए भी खुद इस निर्णय का श्रेय लिया है। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए ट्रंप ने साफ तौर पर कहा कि मैंने जो तीन नामी गिरामी कंजरवेटिव जज नियुक्त किए थे, उन्हीं की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। बता दें अमरीकी सुप्रीम कोर्ट तीन के मुकाबले छह जजों ने बहुमत से ये फैसला सुनाया है और 4 के बजाय पांच जजों के मतों से रो बनाम वेड का पुराना फैसला रद्द किया है। इस फैसले के बाद गर्भपात के समर्थक इस फैसले के विरोध में और प्रो – लाइफ समर्थक इस फैसले के समर्थन में सु्प्रीम कोर्ट समेत देश भर में सड़क पर उतर आए हैं।
अमरीका के पूर्व उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने भी खुलकर सु्प्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रो लाइफ मूवमेंट को पूरे देश में ले जाने की वकालत करते हुए कई ट्वीट किए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो