बड़ा मंदिर क्षेत्र, पुराना भीलवाड़ा, माणिक्यनगर, मालीखेड़ा, शिवाजीनगर, कांवाखेड़ा, न्यू हाउसिंग बोर्ड, पुराना हाउसिंग बोर्ड, शास्त्रीनगर, वकील कॉलोनी, काशीपुरी, आजादनगर, द्वारिका कॉलोनी, जवाहरनगर, बापूनगर, बीलिया, रीको, सुभाषनगर, गायत्रीनगर, गांधीनगर आदि कॉलोनियों में पत्रिका टीम पहुंची और पेयजल व्यवस्था का जायजा लिया।
यह बोली जनता
इलाके में रोज पानी आ रहा। जलसंकट नहीं है, लेकिन घर के बाहर कुंड में ही पानी भरना पड़ रहा। अंदर तक प्रेशर नहीं आता।
मीना जागेटिया, पुराना भीलवाड़ा एक घण्टा भी पूरा पानी नहीं आता। जो आता है वह पीने के लिए पूरा नहीं होता। एेसे में हैण्डपम्प और नलकूप की दौड़ लगानी पड़ती है।
कमलादेवी राव, शिवाजी नगर
अशोक अग्रवाल, शास्त्रीनगर न्यू हाउसिंग बोर्ड एक घण्टा भी पूरा पानी नहीं आता। जो आता है वह पीने के लिए पूरा नहीं होता। एेसे में हैण्डपम्प और नलकूप की दौड़ लगानी पड़ती है।
कमलादेवी राव, शिवाजी नगर
नंदसिंह पुरावत, शिवाजीनगर
चम्बल आने के बाद भी फायदा नहीं मिला। दो दिन में भी एक घण्टे पानी नहीं आ रहा। पेयजल के लिए भटकने को मजबूर हैं।
चम्पालाल आचार्य, शिवाजीनगर
शहर में पेयजल का संकट पहले था लेकिन अब चंबल का पानी आने के बाद भी यदि एेसी समस्या है तो गंभीर बात है। चंबल परियोजना व जलदाय विभाग के अधिकारियों को बुलाकर इसकी रिपोर्ट ली जाएगी। शहर की जलापूर्ति में किसी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
मुक्तानंद अग्रवाल, जिला कलक्टर
मंत्री बोले, एेसा है तो मैं आकर देखूंगा
भीलवाड़ा में पेयजल संकट का मुद्दा काफी समय से था। इसका समाधान हमने किया है। अब शहर में बराबर जलापूर्ति नहीं हो रही है तो गंभीर मामला है। इसमें चंबल परियोजना व जलदाय विभाग के अधिकारियों से बात करूंगा। जरुरत पड़ी तो मैं खुद आकर भीलवाड़ा में आकर इस परियोजना की समीक्षा करूंगा।
सुरेंद्र गोयल, जलदाय मंत्री