भाजपा संसदीय बोर्ड की यहां पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष
अमित शाह ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सूचना एवं प्रसारण तथा शहरी विकास मंत्री नायडु को सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाए जाने का निर्णय लिया गया।
नायडु के नाम पर राजग के अन्य घटक दलों की सहमति भी ली गई। शाह ने कहा कि नायडु को 25 साल का लंबा संसदीय अनुभव है और वह युवावस्था से ही भाजपा से जुडे रहे हैं। वह 1970 से सार्वजनिक जीवन में हैं और जेपी आंदोदल से भी जुड़े रहे हैं। वह चार बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं और दो बार विधायक रहे हैं।
इसके साथ ही नायडु दो बार भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने नायडु को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी और कहा कि वह इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि नायडु का वर्षों का संसदीय अनुभव राज्यसभा के सभापति की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में उनके लिए मददगार होगा। नायडु मंगलवार को मामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
छात्र राजनीति से उपराष्ट्रपति पद की ओर वेंकैया का सफर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े एवं आपातकाल के दौरान जेल में रहे एम
वेंकैया नायडू ने छात्र राजनीति से अपने सार्वजनिक की शुरूआत करके उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के प्रत्याशी बन गए।
एक जुलाई 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले के छवतपलम में जन्मे नायडू भाजपा के अध्यक्ष रहने के अलावा
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे और अब मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्रालय के अलावा संसदीय कार्य मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्रालय का भी कामकाज संभाला।
कर्नाटक से 1998 में राज्यसभा के सदस्य रहने के बाद 2004 और 2009 वह फिर संसद के उच्च सदन के लिए चुने गए। वह 29 मई 2016 को राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए। आंध्र विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेने वाले नायडू छात्र जीवन में एबीवीपी में शामिल हुए और आंध्र विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। जेपी आन्दोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले नायडू आपातकाल में जेल भी गए।