रेड कॉर्नर नोटिस और गैर-जमानती वॉरंट जारी करने की मांग स्पेशल कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अर्जी पर सुनवाई कर रही है। ईडी ने बैंकों के 9000 करोड़ रुपए लेकर भागने वाले विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट और रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की है। हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश को सोमवार तक के लिए सुरक्षित रखा है।
माल्या ने इसलिए लिया था लोन ईडी के वकील हितेन वेनेगाओंकर ने कोर्ट को बताया कि विजय माल्या ने आईडीबीआई से 430 करोड़ रुपए का लोन एयरक्राफ्ट लीज रेंट, स्पेयर पार्ट्स खरीदने और एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस सर्विसेज के लिए थे। यह लोन किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था, जो अब बंद हो चुकी है।
भारत से बाहर प्रॉप्रटी खरीदने के लिए हुआ पैसे का यूज ईडी के वकील ने बताया कि एयरलाइंस के ट्रांजेक्शन्स को लेकर ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों से संपर्क कर चुका है। उन्होंने बताया कि हमने उनकी तरफ से लोन ली गई रकम के ज्यादातर हिस्से के इस्तेमाल का पता लगा लिया है। उसमें से एक हिस्सा भारत से संपत्ति खरीदने पर खर्च किया गया है। जानकारी के मुताबिक कंपनियों को बिजनेस से हटकर भुगतान किया गया है।
विदेशों में भी माल्या की प्रॉपर्टी गौरतलब है कि विजय माल्या की भारत के अलावा विदेशों में भी संपत्तियां है। बैंकों के लोन के 9000 करोड़ न देने की वजह से माल्या लंदन में रह रहे हैं। ईडी ने तीन बार नोटिस जारी करके हाजिर होने को कहा है, लेकिन वह अभी तक हाजिर नहीं हुए। जिसके चलते भारत सरकार ने हाल रही में उनके डिप्लोमैट वीजा को 4 हफ्ते के लिए रद्द भी कर दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी माल्या और उनके परिवार को 26 अप्रैल तक संपत्ति का ब्यौरा जारी करने का आदेश दिया था।