पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “रूसी संघ के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर व्लादिमीर पुतिन को हार्दिक बधाई। आने वाले वर्षों में हम भारत और रूस के बीच समय की कसौटी पर परखी हुई विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।” राष्ट्रपति पुतिन ने इस साल की शुरुआत में स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने के लिए भारत और पीएम मोदी की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था, “आधुनिक दुनिया में यह आसान नहीं है”। भारत और रूस दोनों ने बार-बार कहा है कि वे विश्वसनीय भागीदार हैं।
रूस टुडे ने पुतिन के हवाले से कहा था, “भारत के साथ हमारे बहुत अच्छे रिश्ते हैं और भारत में हमारा विश्वास इस तथ्य से प्रदर्शित होता है कि मॉस्को नई दिल्ली का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है और यह सिर्फ शुरुआत है।” मॉस्को में अपने राष्ट्रपति अभियान मुख्यालय में विजयी भाषण देते हुए पुतिन ने देश के लोगों को धन्यवाद दिया। वह 2030 तक इस पद पर रहेंगे और 200 साल से अधिक समय में देश के सबसे लंबे समय तक पदासीन नेता बन जाएंगे।
उन्होंने समर्थकों से कहा कि वह यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान को प्राथमिकता देंगे और रूसी सेना को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा, “हमारे सामने कई कार्य हैं। लेकिन जब हम एकजुट हो जाते हैं – कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन हमें डराना चाहता है, दबाना चाहता है – इतिहास में कोई भी ऐसा करने में सफल नहीं हुआ है, वे अब भी सफल नहीं हुए हैं, और वे भविष्य में भी कभी सफल नहीं होंगे।”