एक नए शोध में इस अनुमान की पुष्टि हुई है। शोधकर्ताओं में शामिल फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के आंद्रे डट्टन के अनुसार इस बात की काफी संभावना है कि ज्वालामुखी विस्फोट और क्षुद्रग्रह की टक्कर दोनों ही घटनाएं सबसे बड़ी विलुप्ति के लिए जिम्मेदार है। डट्टन आगे कहते हैं क्षुद्रग्रह के टकराने से पहले ही डेक्कन ट्रैप के कारण पृथ्वी का पारस्थितिकी तंत्र बिगड़ चुका था। डेक्कन ट्रैप भारत में है और दुनिया के सबसे बड़े ज्वालामुखी के क्षेत्रों में से एक है।
डट्टन और उनके सहयोगियों ने मिशिगन विश्वविद्यालय में एक नई तकनीक से अंटार्टिका के समुद्री तापमान का पुर्नगठन करते हुए आंकड़ों का विश्लेषण किया जिससे इस विचार की पुष्टि हुई कि ज्वालामुखी के फटने और किसी क्षुद्रग्रह के टकराने के कारण ही 6.6 करोड़ साल पहले धरती पर जीवों के विलुप्त होने की सबसे बड़ी घटना हुई थी।
इस शोध को नेचर कम्यूनिकेशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें अंटार्टिक समुद्र में जीवाश्म के गोले की रासायनिक संरचना के विश्लेषण के लिए हाल ही में विकसित की गर्इ तकनीक का प्रयोग किया गया है जिसे कार्बोनेट क्लंप्ड आइसोटोप पेलियोथर्मोमीटर नाम दिया गया है।