वर्तमान नियम के अनुसार रिटर्निंग अधिकारी प्रशिक्षण के समय पोस्टल बैलेट जारी कर सकते हैं और मतदान ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के लिए सुविधा केंद्र भी स्थापित कर सकते हैं ताकि वे आवंटित मतदान केंद्रों के लिए भेजे जाने से पहले अपना वोट डाल सकें। हालांकि चुनाव ड्यूटी पर लगे मतदाताओं के पास यह भी विकल्प होता है कि वे अपना पोस्टल बैलेट “डाक के माध्यम से रिटर्निंग ऑफिसर को भेज सकते हैं ताकि मतगणना शुरू होने के लिए निर्धारित समय से पहले यानी मतगणना के दिन सुबह 8 बजे से पहले रिटर्निंग ऑफिसर तक पहुंच सकें।”
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग ने भेजे हुए प्रस्ताव में बताया है कि पिछले चुनावों में यह देखा गया है कि कई मतदान कराने वाले कर्मचारी डाक के माध्यम से अपने वोट को भेजने का विकल्प चुनते हैं, जिसमें वह अपने ड्यूटी के कर्तव्यों को पूरा करने के बाद भी लंबे समय तक डाक मतपत्रों को अपने घरों में रखते हैं। मतदान कर्मचारियों के पास मतगणना के दिन सुबह 8 बजे तक अपना डाक मतपत्र रिटर्निंग अधिकारी के पास भेजने का विकल्प होता है, भले ही उनके निर्वाचन क्षेत्र में मतदान पहले चरण में हुआ हो।
चुनाव आयोग का प्रस्ताव में कहा है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान लंबे समय तक मतपत्र को अपने साथ रखने से दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है। कर्मचारियों के मतदान पर उम्मीदवारों या राजनीतिक पार्टियों के अनुचित प्रभाव, धमकियों, रिश्वत सहित अन्य अनैतिक साधनों का प्रभाव पड़ने की संभावना होती है, जिसको पोस्टल बैलेट के जरिए वोट देने का ऑप्सन खत्म करके कम किया जा सकता है।