एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि दोनों भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में अल-कायदा के सदस्य थे, जिसमें सरकार पश्चिम बंगाल की ऑपरेशन प्रभारी थी। बताया गया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सरकार बुधवार की देर शाम काजी अहसानुल्ला के शशान स्थित आवास पर उनसे मिलने आएगा। इस सूचना पर एसटीएफ ने जाल बिछाया और अंत में अहशानुल्लाह के साथ सरकार को शाशन के पास पहुंचते ही दबोच लिया।
अल-कायदा से जुड़े इन दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी को पश्चिम बंगाल में आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में बड़ी सफलता माना जा रहा है। यह भी जानकारी मिली है कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न थानों में सरकार और काजी अहसानुल्ला के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। दोनों लंबे समय से उग्रवाद गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए एसटीएफ द्वारा वांछित थे।
इस दोनों के पास से आतंकवाद से संबंधित कई किताबें, प्रोपेगेंडा पैम्फलेट, डायरी, कंप्यूटर हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, कई मोबाइल फोन और मोबाइल सिम कार्ड प्राप्त हुए हैं। एसटीएफ के अधिकारी विशेषज्ञों की मदद से उनकी जांच करेंगे और उनका मानना है कि जब्त किए गए दस्तावेजों से पश्चिम बंगाल में एक्यूआईएस के नेटवर्क के बारे में अतिरिक्त महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सकती है। पूछताछ में दोनों ने एक्यूआईएस से सक्रिय संबंध होने की बात कबूल की है।