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Russia-UKraine में जारी युद्ध के बीच रूस का कच्चा तेल कौन खरीद रहा है और किसने इसपर रोक लगा दी है?

Published: May 03, 2022 01:50:57 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

Russian crude oil: रूस से कई देशों ने तेल के आयात पर बैन लगा दिया है। हालांकि, कुछ ऐसे देश भी हैं जो आज भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। वो देश और कंपनियां कौन सी हैं उसे समझेंगे विस्तार से…

Russian crude oil

Russian crude oil (File image)

Russian oil: यूक्रेन में 24 फरवरी से जारी रूसी हमले की दुनियाभर में निंदा की जा रही है और रूस को सबक सिखाने के लिए उसपर तरह-तरह के बैन लगाए गए। रूस कच्चे तेल के बड़े निर्यातकों में से एक है। यूरोप समेत दुनियाभर के कई देशों को वो कच्चे तेल की सप्लाइ करता है। की देशों के रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है तो कई आज भी उससे तेल खरीद रहे हैं। हालांकि, कुछ देश रूस से तेल के आयात में कटौती भी कर रहे हैं। रूस के खिलाफ एक्शन लेते हुए ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों ने रूसी तेल खरीद पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है लेकिन यूरोपीय संघ के 27 सदस्य बैन लगाने को लेकर एकमत नहीं देखे।
हालांकि, यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कही जाने वाली जर्मनी ने है कहा कि वह इस साल के अंत तक रूसी तेल आयात पर बैन को लागू कर देगा। हंगरी ने कहा कि वो रूसी तेल और गैस आयात पर किसी भी यूरोपीय संघ के प्रतिबंध के पक्ष में नहीं है। इन सबके बीच यूरोप में कई रिफाइनर ने स्वेच्छा से रूसी क्रूड खरीदना बंद कर दिया है तो कुछ ने ऐसा करने का वादा किया है जब उनके दीर्घकालिक अनुबंध समाप्त हो जाएंगे। चीन और भारत अभी भी रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखे हुए हैं।

कौन से देश ने बंद कर दिया रूसी कच्चे तेल का आयात

ब्रिटिश तेल प्रमुख कंपनी बीपी रोसनेफ्ट: ये कंपनी अपनी हिस्सेदारी छोड़ रहा है। इस कंपनी ने तय किया है कि वो रूसी बंदरगाहों पर लोडिंग के लिए रूसी संस्थाओं के साथ तब तक नई डील नहीं करेगा, जब तक कि “आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक” न हो। फिलहाल, ये कंपनी वैकल्पिक आपूर्ति की तलाश में है।

जापान की सबसे बड़ी रिफाइनर ENEOS ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। ये कंपनी भी मिडल ईस्ट में वैकल्पिक आपूर्ति की तलाश में है।

दुनिया के सबसे बड़े पेट्रोलियम कारोबारी SHELL ने रूसी कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है।

नॉर्वे की अधिकांश सरकारी स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी EQUINOR ने रूसी तेल कारोबार को बंद कर दिया है।

-फ्रांसीसी तेल कंपनी TOTALENERGIES इस साल के अंत तक में रूसी तेल खरीदना बंद कर देगी।
इसे अलावा इतालवी ऊर्जा कंपनी ENI, तेल और गैस उद्योग GALP, वैश्विक खनन और व्यापारिक फर्म GLENCORE, फिनिश रिफाइनर NESTE, OMV रोमानिया की शीर्ष तेल और गैस फर्म PETROM, स्वीडन की सबसे बड़ा रिफाइनरी PREEM, स्पेन की कंपनी REPSOL, जिनेवा स्थित वैश्विक कमोडिटी ट्रेडर TRAFIGURA, स्विस रिफाइनर VARO ENERGY जैसी कई बड़ी कंपनियों ने रूस के कच्चे तेल के आयात पर रोक लगा दी है।
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वो कंपनी जिसने तेल खरीदना रखा जारी

-भारत की Bharat Petroleum, HINDUSTAN PETROLEUM, INDIAN OIL CORP जैसी बड़ी कंपनियों ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। अभी कुछ समय पहले ही भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने रूस से मई लोडिंग के लिए 2 मिलियन बैरल रूसी यूराल खरीदे थे। कंपनी नियमित रूप से दक्षिण भारत में अपनी 310,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) कोच्चि रिफाइनरी के लिए रूसी यूराल खरीदती है।

-एशिया की सबसे बड़ी रिफाइनर और चीन की सरकारी कंपनी SINOPEC पहले से हस्ताक्षरित दीर्घकालिक अनुबंधों के तहत रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखे हुए है।

इसके अलावा ग्रीस की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी HELLENIC PETROLEUM, इटली की सबसे बड़ी रिफाइनरी ISAB, पूर्वी जर्मनी में लैंड लॉक्ड LEUNA रिफाइनरी, जर्मनी की सबसे बड़ी रिफाइनरी MIRO
हंगेरियन तेल समूह MOL, बल्गेरियाई रिफाइनरी Neftohim Burgas, जर्मनी की PCK Schwedt, इंडोनेशियाई राज्य ऊर्जा फर्म Pertamina, पोलैंड का सबसे बड़ा रिफाइनर Polski Koncern Naftowy Orlen जैसी कंपनियां अभी भी रूस से तेल का आयात कर रही हैं।
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